पटना न्यूज़: राजधानी पटना में एक बार फिर अतिक्रमण हटाने का महाअभियान छेड़ दिया गया है। सोमवार, 1 दिसंबर 2025 को सचिवालय स्थित विधानसभा के ठीक बगल वाली सड़क पर जब बुलडोजर गरजा, तो कई होटल में खाना खा रहे लोगों के निवाले अटक गए। क्या है इस अचानक हुई कार्रवाई की पूरी कहानी और शहर के लिए आगे के निर्देश?
विधानसभा के पास की सड़क पर हुए इस अतिक्रमण विरोधी अभियान से हड़कंप मच गया। कई दुकानों और होटलों को निशाना बनाया गया, जहां उस समय लोग भोजन कर रहे थे। अचानक हुई कार्रवाई से उन्हें बिना खाना पूरा किए ही निकलना पड़ा। पटना सदर के अंचलाधिकारी ने बताया कि यह कार्रवाई कोई आकस्मिक नहीं थी। तीन दिन पहले ही इन सभी जगहों को खाली करने के लिए अल्टीमेटम दिया गया था, जिसके बाद भी अतिक्रमण नहीं हटाए जाने पर बुलडोजर से एक्शन लिया गया।
फिर से शुरू हुआ विशेष अभियान
यह कार्रवाई पटना में चल रहे एक बड़े अभियान का हिस्सा है। दरअसल, पटना जिलाधिकारी के निर्देश पर शहर में 1 दिसंबर से अतिक्रमण के खिलाफ एक बार फिर विशेष अभियान (स्पेशल ड्राइव) चलाया जा रहा है। इस व्यापक अभियान के लिए कुल 9 टीमों का गठन किया गया है, जो शहर के विभिन्न हिस्सों में अतिक्रमण हटाने का काम करेंगी।
यह एक मल्टी-एजेंसी विशेष अभियान है, जिसका दायरा काफी बड़ा है। इसमें न केवल पटना नगर निगम के छह अंचलों – नूतन राजधानी, पाटलिपुत्र, कंकड़बाग, बांकीपुर, अजीमाबाद और पटना सिटी – को शामिल किया गया है, बल्कि नगर परिषद खगौल, फुलवारीशरीफ और दानापुर निजामत में भी यह अभियान चलाया जाएगा।
अतिक्रमणकारियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश
इस अभियान को प्रभावी बनाने के लिए अधिकारियों को कई कड़े निर्देश दिए गए हैं:
- आदतन अतिक्रमणकारियों को चिह्नित किया जाएगा और उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
- दोबारा अतिक्रमण करने वालों के विरुद्ध अनिवार्य रूप से प्राथमिकी (FIR) दर्ज की जाएगी।
- अभियान के दौरान यातायात पुलिस विशेष वाहन चेकिंग अभियान चलाएगी।
- अधिकारियों को सभी हितधारकों (स्टेकहोल्डर्स) से सार्थक संवाद और मजबूत समन्वय बनाए रखने के लिए कहा गया है।
- अभियान के दौरान आम जनता की सुविधा का भी पूरा ख्याल रखने का निर्देश दिया गया है।
पटना के जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम ने इस संबंध में बताया कि सार्वजनिक स्थलों से जनहित में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई नियमित तौर पर की जा रही है। उन्होंने शहरी प्रबंधन इकाई के अधिकारियों को हर महीने अग्रिम तौर पर अतिक्रमण-उन्मूलन अभियान का कैलेंडर जारी करने और जनहित में प्रभावी ढंग से अतिक्रमण हटाने के साथ-साथ फॉलोअप टीमों को भी सक्रिय रखने के निर्देश दिए हैं।








