गायघाट न्यूज़: बिहार की राजनीति में एक नए अध्याय का भव्य आगाज़ हो चुका है। 18वीं विधानसभा के पहले सत्र में नव निर्वाचित विधायकों ने शपथ ग्रहण कर अपनी जिम्मेदारियां संभालीं। इस दौरान न सिर्फ भाषाई विविधता का अद्भुत संगम देखने को मिला, बल्कि एक युवा विधायिका के जोशीले नारों ने सदन का माहौल ऊर्जा से भर दिया। आख़िर कौन थी वो विधायिका और क्या हुआ उस ऐतिहासिक क्षण में?
बिहार की 18वीं विधानसभा का पहला सत्र सोमवार को नए जोश और उम्मीदों के साथ शुरू हो गया। इस दौरान नवनिर्वाचित विधायकों ने पद और गोपनीयता की शपथ ली, जो राज्य के लोकतांत्रिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान द्वारा नियुक्त प्रोटेम स्पीकर नरेंद्र नारायण यादव ने सदन के सभी 243 सदस्यों को शपथ दिलाई।
शपथ ग्रहण समारोह के दौरान एक अनूठा दृश्य देखने को मिला, जहाँ विधायकों को हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, उर्दू और मैथिली समेत पांच भाषाओं में शपथ के प्रारूप उपलब्ध कराए गए थे। यह बिहार की समृद्ध भाषाई और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक था, जिसने सदन में विविधता की एक खूबसूरत तस्वीर पेश की।
शीर्ष नेताओं ने ली शपथ
शपथ ग्रहण की प्रक्रिया में सबसे पहले उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने पद और गोपनीयता की शपथ ली, जो तारापुर विधानसभा सीट से निर्वाचित हुए हैं। उनके तुरंत बाद दूसरे उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने शपथ ग्रहण किया। सिन्हा लगातार चौथी बार लखीसराय से विधायक चुने गए हैं, जो उनकी राजनीतिक पकड़ और जनसमर्थन को दर्शाता है। शपथ ग्रहण के बाद, सभी मंत्रियों ने प्रोटेम स्पीकर और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का अभिवादन कर अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की।
भाषाई विविधता का अनूठा संगम
यह सत्र भाषाई सौहार्द और विविधता का भी गवाह बना। विभिन्न क्षेत्रों से आए विधायकों ने अपनी-अपनी भाषाओं में शपथ लेकर एक मिसाल कायम की:
- मैथिली में शपथ: मिथिलांचल क्षेत्र से आने वाले कई विधायकों ने मैथिली में शपथ ली। इनमें मंत्री अरुण शंकर प्रसाद और अलीनगर से निर्वाचित सबसे कम उम्र की विधायिका और प्रसिद्ध गायिका मैथिली ठाकुर प्रमुख थीं।
- उर्दू में शपथ: अल्पसंख्यक समुदाय के कुछ विधायकों और असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम के सदस्यों ने उर्दू में शपथ लेकर अपनी पहचान को मुखर किया।
- हिंदी में शपथ: गायघाट विधानसभा सीट से नवनिर्वाचित विधायिका कोमल सिंह ने हिंदी में शपथ ग्रहण किया। शपथ के बाद उन्होंने पूरे जोश के साथ ‘जय गायघाट, जय बिहार’ के नारे लगाए, जिसने सदन में मौजूद सभी सदस्यों का ध्यान आकर्षित किया और उत्साह भर दिया।
- संस्कृत में शपथ: भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और कटिहार से विधायक तारकिशोर प्रसाद, जनता दल (यूनाइटेड) के सोनबरसा से विधायक रत्नेश सदा और कुछ अन्य सदस्यों ने संस्कृत में शपथ लेकर प्राचीन भारतीय परंपरा को जीवंत किया।
- अंग्रेजी में शपथ: लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के विधायक विष्णु देव पासवान ने अंग्रेजी में शपथ ग्रहण किया।
इस तरह, बिहार विधानसभा का यह पहला सत्र न केवल विधायकों के शपथ ग्रहण का मंच बना, बल्कि राज्य की विविधता, भाषाई समृद्धि और राजनीतिक ऊर्जा का भी प्रतीक बन गया। यह नई विधानसभा बिहार के भविष्य के लिए नई उम्मीदें और दिशाएं लेकर आई है।








