बिहार की सियासत में एक नया अध्याय जुड़ने वाला है। विधानसभा में स्पीकर पद पर अब भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रेम कुमार की ताजपोशी तय हो गई है। विपक्ष ने भी उनके नाम पर सहमति जताकर सबको चौंका दिया है, जिससे उनके निर्विरोध निर्वाचन का रास्ता साफ हो गया है।
बिहार विधानसभा के अध्यक्ष पद के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ विधायक प्रेम कुमार का नाम तय हो गया है। सोमवार को उन्होंने अपना नामांकन दाखिल किया और मंगलवार को उनके निर्विरोध निर्वाचन की पूरी संभावना है। दिलचस्प बात यह है कि विपक्ष ने भी इस पद के लिए कोई उम्मीदवार खड़ा नहीं किया है, जिससे प्रेम कुमार की जीत सुनिश्चित मानी जा रही है। स्पीकर की कुर्सी संभालने से पहले प्रेम कुमार ने अपनी प्राथमिकताओं और लोकतंत्र के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को लेकर एक बड़ा बयान दिया है।
लोकतंत्र के मंदिर में सबके सम्मान का वादा
अध्यक्ष पद के लिए नामांकन भरने के बाद प्रेम कुमार ने अपनी भावी भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “यह लोकतंत्र का मंदिर है और यहां सभी सदस्यों के सम्मान का पूरा ख्याल रखा जाएगा। सदन की कार्यवाही सुचारु रूप से चले, यह मेरी प्राथमिकता होगी। मेरे लिए सभी सदस्य एक समान हैं और हर किसी को अपनी बात रखने का पर्याप्त मौका दिया जाएगा।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उन्हें किसी पद की लालसा नहीं रही है, बल्कि जो भी जिम्मेदारी मिली है, उसे उन्होंने पूरी ईमानदारी से निभाया है। गया से नौ बार विधायक चुने गए प्रेम कुमार बिहार सरकार में मंत्री और नेता प्रतिपक्ष जैसे महत्वपूर्ण पदों पर भी रह चुके हैं। उनके पास लंबा राजनीतिक और विधायी अनुभव है, जिसका लाभ वे सदन चलाने में करेंगे।
बिहार में बढ़ा भाजपा का राजनीतिक दबदबा
प्रेम कुमार के विधानसभा अध्यक्ष बनने से बिहार की राजनीति में भाजपा की स्थिति और मजबूत हुई है। राज्य के गृह विभाग पहले से ही भाजपा के पास है और अब विधानसभा अध्यक्ष का पद भी उसी के खाते में आ रहा है। इसके अलावा, बिहार में भाजपा के दो उपमुख्यमंत्री (सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा) हैं। हाल के चुनावों में भी भाजपा ने सर्वाधिक सीटें हासिल की हैं, जहां उसे 89 सीटें मिलीं, जबकि जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) को 85 सीटें मिली थीं। यह दर्शाता है कि राज्य की सत्ता में भाजपा का प्रभाव लगातार बढ़ रहा है।
शीतकालीन सत्र का विस्तृत कार्यक्रम
बिहार विधानसभा का शीतकालीन सत्र महत्वपूर्ण गतिविधियों से भरा हुआ है। सत्र का पूरा कार्यक्रम इस प्रकार है:
- 2 दिसंबर: विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होगा, जिसमें प्रेम कुमार के निर्विरोध चुने जाने की उम्मीद है।
- 3 दिसंबर: राज्यपाल का अभिभाषण होगा, जिसमें सरकार की नीतियों और भविष्य की योजनाओं का जिक्र होगा।
- 4 दिसंबर: राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर सदन में चर्चा होगी, जिसके बाद सरकार अपना जवाब प्रस्तुत करेगी। इस दिन सरकार का फ्लोर टेस्ट भी संभव है, जो उसकी बहुमत साबित करने के लिए महत्वपूर्ण होगा।
- 5 दिसंबर: सत्र के अंतिम दिन विनियोग विधेयक पेश किया जाएगा।
यह शीतकालीन सत्र 5 दिसंबर तक चलेगा, जिसमें राज्य से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा और निर्णय लिए जाएंगे।








