पटना: बिहार विधानसभा का सत्र शुरू होते ही सियासी तीर चलने शुरू हो गए हैं. पहले दिन जहां नए विधायक शपथ ले रहे थे, वहीं सत्ता पक्ष की ओर से विपक्ष को एक ऐसी ‘नसीहत’ दी गई, जिसने राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज कर दी है. यह बयान बिहार सरकार के एक मंत्री ने दिया, जिसका सीधा निशाना विपक्ष पर था.
पहले दिन शपथ ग्रहण, सियासी पारा चढ़ा
सोमवार को बिहार विधानसभा के नए सत्र का आगाज हुआ. इस दिन सदन में नवनिर्वाचित विधायकों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई गई. सदन का माहौल काफी गहमागहमी भरा था. सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्य अपनी-अपनी रणनीतियों के साथ सदन में मौजूद थे. इसी औपचारिक माहौल के बीच, बिहार सरकार में मंत्री नितिन नवीन ने मीडिया से बातचीत के दौरान एक महत्वपूर्ण राजनीतिक टिप्पणी की.
नितिन नवीन का यह बयान उस वक्त आया जब सदन की कार्यवाही चल ही रही थी. उनकी बातों से यह स्पष्ट हो गया कि आने वाले दिनों में सत्ता पक्ष विपक्ष को किसी भी मुद्दे पर आसानी से बख्शने के मूड में नहीं है.
मंत्री नितिन नवीन ने विपक्ष को दी सलाह
मंत्री नितिन नवीन ने विपक्ष को सीधे तौर पर सलाह देते हुए कहा कि उन्हें अब जनता के संदेश को समझना चाहिए. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बिहार की जनता ने अपना फैसला सुना दिया है और अब विपक्ष को इसे स्वीकार करते हुए सकारात्मक भूमिका निभानी चाहिए. उनका इशारा हाल के चुनावी नतीजों की ओर था, जिसमें जनता ने मौजूदा सरकार पर भरोसा जताया था.
उन्होंने कहा, “जनता ने अपना संदेश दे दिया है. अब विपक्ष को उस संदेश को समझते हुए बिहार के विकास में योगदान देना चाहिए.” इस एक वाक्य में उन्होंने विपक्ष को हार स्वीकार करने और रचनात्मक राजनीति करने की सलाह दे डाली.
विकास में योगदान देने की अपील
नितिन नवीन ने अपने बयान में केवल हमला ही नहीं बोला, बल्कि एक अपील भी की. उन्होंने कहा कि विपक्ष को अब नकारात्मक राजनीति छोड़कर राज्य के विकास में अपना योगदान देना चाहिए. उनका मानना है कि सदन की कार्यवाही को बाधित करने या बेवजह के मुद्दों पर हंगामा करने की बजाय, विपक्ष को जनहित के मुद्दों पर सरकार के साथ मिलकर काम करना चाहिए. उनके इस बयान ने सत्र के पहले ही दिन यह तय कर दिया है कि आने वाले दिन सदन में काफी हंगामेदार हो सकते हैं.








