Patna News: बिहार की 18वीं विधानसभा का पहला दिन, और पहले ही दिन से सियासी सरगर्मियां तेज हो गईं. सदन में जहां 236 माननीय सदस्यों ने शपथ ली, वहीं एक मंत्री समेत 7 विधायकों की गैर-मौजूदगी ने कई सवाल खड़े कर दिए. आखिर कौन बनने जा रहा है इस नए सदन का अध्यक्ष? तस्वीर लगभग साफ हो चुकी है.
सोमवार को 18वीं बिहार विधानसभा के पहले सत्र की शुरुआत हुई. सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सबसे पहले प्रोटेम स्पीकर (अस्थायी अध्यक्ष) के तौर पर नरेंद्र नारायण यादव ने शपथ ग्रहण की. इसके बाद उन्होंने सदन में मौजूद नवनिर्वाचित 236 विधायकों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. सदन का माहौल काफी गहमागहमी भरा रहा और सदस्यों ने पूरी गंभीरता के साथ शपथ ग्रहण की.
प्रोटेम स्पीकर ने दिलाई शपथ
विधानसभा की परंपरा के अनुसार, सबसे वरिष्ठ सदस्यों में से एक को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया जाता है, जिनका मुख्य कार्य नए सदस्यों को शपथ दिलाना और नए स्थायी अध्यक्ष का चुनाव संपन्न कराना होता है. इसी परंपरा का निर्वहन करते हुए नरेंद्र नारायण यादव ने यह जिम्मेदारी संभाली. उन्होंने एक-एक कर सभी दलों के सदस्यों को शपथ के लिए आमंत्रित किया. यह प्रक्रिया कई घंटों तक चली, जिसमें बिहार के भविष्य को लेकर सदस्यों का उत्साह देखते ही बन रहा था.
एक मंत्री समेत 7 विधायक रहे अनुपस्थित
पहले दिन की कार्यवाही में जहां ज्यादातर सदस्य मौजूद रहे, वहीं सात विधायकों की अनुपस्थिति चर्चा का विषय बन गई. इन अनुपस्थित सदस्यों में एक नवनियुक्त मंत्री भी शामिल हैं. हालांकि, उनकी अनुपस्थिति के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है, लेकिन इस घटना ने राजनीतिक गलियारों में अटकलों का बाजार गर्म कर दिया है. सदन की कार्यवाही के कुछ प्रमुख आंकड़े इस प्रकार हैं:
- कुल शपथ लेने वाले विधायक: 236
- अनुपस्थित रहने वाले विधायक: 07
- विधानसभा की कुल सदस्य संख्या: 243
प्रेम कुमार का अध्यक्ष बनना लगभग तय
शपथ ग्रहण के बाद अब सभी की निगाहें विधानसभा के नए अध्यक्ष के चुनाव पर टिकी हैं. सूत्रों के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और गया से विधायक डॉ. प्रेम कुमार का अगला विधानसभा अध्यक्ष बनना लगभग तय माना जा रहा है. उनके नाम पर सत्ताधारी गठबंधन में आम सहमति बन चुकी है.
उम्मीद है कि मंगलवार को उनके नाम की आधिकारिक घोषणा कर दी जाएगी. संभावना यह भी है कि उनका चयन निर्विरोध हो जाएगा, क्योंकि विपक्ष की ओर से अभी तक किसी उम्मीदवार को मैदान में उतारने के संकेत नहीं मिले हैं. प्रेम कुमार एक अनुभवी राजनेता हैं और उनका लंबा संसदीय अनुभव सदन के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.








