पटना न्यूज़
बिहार की सड़कों पर जल्द ही गुलाबी रंग की बसें दौड़ती नजर आने वाली हैं. लेकिन ये सिर्फ रंग का बदलाव नहीं, बल्कि महिलाओं की सुरक्षा और सुविधा की दिशा में एक बड़ा कदम है. बिहार सरकार ने राज्य की परिवहन व्यवस्था को लेकर जो खाका तैयार किया है, उससे आपकी यात्रा का अनुभव पूरी तरह बदलने वाला है.
महिलाओं की सुरक्षा और सुविधा पर फोकस
बिहार सरकार ने महिला यात्रियों की सुरक्षा और आरामदायक सफर को प्राथमिकता देते हुए एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है. इसके तहत, राज्य में 100 विशेष ‘पिंक’ बसें चलाई जाएंगी. ये बसें सिर्फ महिलाओं के लिए होंगी और इनमें सुरक्षा के अत्याधुनिक इंतजाम किए जाएंगे. इन बसों में पैनिक बटन और जीपीएस ट्रैकिंग जैसी सुविधाएँ मौजूद होंगी, ताकि किसी भी आपात स्थिति में तत्काल मदद पहुंचाई जा सके. इस पहल का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को सार्वजनिक परिवहन में एक सुरक्षित और सहज माहौल प्रदान करना है.
प्रदूषण मुक्त परिवहन की ओर बड़ा कदम
राज्य सरकार का जोर केवल यात्रियों की सुविधा पर ही नहीं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण पर भी है. इसी लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए बिहार राज्य पथ परिवहन निगम (BSRTC) अपने बेड़े में CNG और इलेक्ट्रिक बसों की संख्या बढ़ाने की तैयारी कर रहा है. सरकार का मानना है कि पारंपरिक डीजल बसों की जगह पर्यावरण के अनुकूल विकल्पों को अपनाकर प्रदूषण के स्तर को काफी हद तक कम किया जा सकता है. यह कदम बिहार को एक स्वच्छ और हरित प्रदेश बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है.
कैसा है BSRTC का मौजूदा बेड़ा?
वर्तमान में, बिहार राज्य पथ परिवहन निगम राज्य के 187 रूटों पर अपनी सेवाएं दे रहा है. निगम के बेड़े में कुल 840 बसें शामिल हैं, जो यात्रियों को एक जिले से दूसरे जिले और पड़ोसी राज्यों तक पहुंचाती हैं. मौजूदा बेड़े की संरचना इस प्रकार है:
- कुल बसें: 840
- CNG बसें: 266
- इलेक्ट्रिक बसें: 25
नई CNG, इलेक्ट्रिक और पिंक बसों के जुड़ने से न केवल बसों की कुल संख्या बढ़ेगी, बल्कि यह राज्य की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को और भी आधुनिक, सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल बनाएगा.








