जहानाबाद न्यूज़: ट्रेन की महिला बोगी में कुछ ऐसा हुआ कि RPF को अचानक मोर्चा संभालना पड़ा. जांच शुरू हुई तो एक-एक कर ग्यारह पुरुष यात्री पकड़ लिए गए, जिसके बाद पूरे स्टेशन पर हड़कंप मच गया.
पटना-गया रेलखंड पर स्थित जहानाबाद रेलवे स्टेशन पर उस वक्त अफरा-तफरी का माहौल बन गया, जब रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने औचक निरीक्षण के दौरान एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया. महिला यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए चलाए गए इस अभियान में RPF की टीम ने ट्रेन की महिला बोगी से 11 पुरुष यात्रियों को सफर करते हुए पकड़ा.
इस कार्रवाई से अवैध रूप से यात्रा कर रहे पुरुष यात्रियों में खलबली मच गई. RPF की इस सख्ती को देखकर अन्य यात्री भी हैरान रह गए. यह अभियान रेलवे नियमों का उल्लंघन करने वालों को एक कड़ा संदेश देने के उद्देश्य से चलाया गया था.
RPF का विशेष जांच अभियान
जानकारी के अनुसार, RPF को लगातार यह सूचना मिल रही थी कि पटना-गया रेलखंड पर चलने वाली ट्रेनों में पुरुष यात्री अक्सर महिला कोच में घुसकर यात्रा करते हैं, जिससे महिला यात्रियों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ता है. इसी समस्या पर लगाम लगाने और महिला यात्रियों के लिए सुरक्षित माहौल बनाने के लिए RPF ने जहानाबाद स्टेशन पर एक विशेष जांच अभियान चलाने का फैसला किया.
जैसे ही ट्रेन स्टेशन पर रुकी, RPF की टीम ने तेजी से कार्रवाई करते हुए सीधे महिला बोगी को घेर लिया. बोगी के अंदर जांच करने पर टीम ने पाया कि 11 पुरुष यात्री आराम से सफर कर रहे थे. RPF ने तुरंत उन सभी को ट्रेन से नीचे उतार लिया.
क्यों ज़रूरी है यह कार्रवाई?
भारतीय रेलवे के नियमों के अनुसार, ट्रेनों में महिला यात्रियों के लिए आरक्षित कोच में पुरुषों का प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित है. यह नियम महिलाओं को एक सुरक्षित और आरामदायक यात्रा का अनुभव प्रदान करने के लिए बनाया गया है. इस नियम का उल्लंघन करना एक दंडनीय अपराध है, जिसके तहत रेलवे अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार जुर्माना या अन्य कानूनी कार्रवाई की जा सकती है. RPF द्वारा की गई यह कार्रवाई इसी नियम को सख्ती से लागू करने का एक हिस्सा थी.
पकड़े गए सभी 11 पुरुष यात्रियों के खिलाफ रेलवे अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है. अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि महिला सुरक्षा को लेकर इस तरह के अभियान भविष्य में भी जारी रहेंगे ताकि नियमों का उल्लंघन करने वालों को सबक सिखाया जा सके और महिला यात्री बिना किसी डर के सफर कर सकें.








