पटना समाचार: बिहार की राजनीतिक गलियों में एक बार फिर हलचल तेज है। 18वीं विधानसभा सत्र का दूसरा दिन आज से शुरू हो गया है, और सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि सदन की कार्यवाही में आगे क्या होगा। नए जन प्रतिनिधियों का शपथ ग्रहण और महत्वपूर्ण विधायी प्रक्रियाएं, इन सबने सदन का माहौल गरमा दिया है।
कार्यवाही का दूसरा दिन और प्रोटेम स्पीकर की भूमिका
18वीं बिहार विधानसभा सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही निर्धारित समय पर शुरू हो गई। पहले दिन की तरह ही, सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने में प्रोटेम स्पीकर की भूमिका अहम रही। प्रोटेम स्पीकर, जो सदन के सबसे वरिष्ठ सदस्यों में से एक होते हैं, नव-निर्वाचित विधायकों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाते हैं। यह प्रक्रिया नई विधानसभा के गठन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
नए सदस्यों का शपथ ग्रहण
सत्र के दूसरे दिन भी बड़ी संख्या में नव-निर्वाचित सदस्यों ने शपथ ली। विभिन्न राजनीतिक दलों से आए ये विधायक, अब औपचारिक रूप से विधानसभा के सदस्य बन गए हैं। शपथ ग्रहण समारोह के दौरान, कई सदस्यों ने अपनी क्षेत्रीय भाषाओं में भी शपथ लेकर विविधता का प्रदर्शन किया। इस प्रक्रिया के पूर्ण होने के बाद ही विधानसभा अपने नियमित कार्यों की ओर अग्रसर हो पाएगी।
आगे की संभावित कार्यसूची
शपथ ग्रहण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद, विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव सबसे महत्वपूर्ण एजेंडा होगा। इसके अलावा, उपमुख्यमंत्री, स्पीकर और सदन के नेता द्वारा शोक प्रस्तावों को पढ़े जाने की भी संभावना है। नई सरकार के गठन के बाद यह पहला सत्र है, इसलिए इससे राज्य के भविष्य की दिशा तय होने की उम्मीद है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले दिनों में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा और निर्णय लिए जा सकते हैं।








