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2 दिसम्बर, 2025

शपथ से पहले विधानसभा में गूंजी भोजपुरी कविता, स्पीकर ने टोका तो भड़क गए BJP विधायक!

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पटना: बिहार विधानसभा के भीतर उस वक्त माहौल अचानक बदल गया, जब शपथ ग्रहण के लिए बुलाए गए एक विधायक ने प्रक्रिया शुरू करने से पहले ही भोजपुरी में अपनी ‘गाथा’ सुनानी शुरू कर दी. प्रोटेम स्पीकर ने नियमों का हवाला देकर उन्हें टोका, तो विधायक ने ऐसा পাল্টা सवाल दागा कि पूरा सदन बस देखता रह गया.

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जब शपथ से पहले गूंजने लगी कविता

यह पूरा घटनाक्रम बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन का है. सदन में नवनिर्वाचित विधायकों का शपथ ग्रहण समारोह चल रहा था. इसी क्रम में जब पश्चिम चंपारण के लौरिया विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक विनय बिहारी का नाम पुकारा गया, तो वे अपनी सीट से उठकर पोडियम तक पहुंचे. लेकिन, इससे पहले कि वह पद और गोपनीयता की शपथ लेना शुरू करते, उन्होंने भोजपुरी में एक कविता का पाठ शुरू कर दिया. उनके इस अप्रत्याशित कदम ने सदन में मौजूद अन्य सदस्यों का ध्यान अपनी ओर खींच लिया.

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प्रोटेम स्पीकर ने टोका तो हुई नोकझोंक

विधायक विनय बिहारी अभी अपनी कविता सुना ही रहे थे कि आसंदी पर बैठे प्रोटेम स्पीकर ने उन्हें बीच में ही रोक दिया. उन्होंने विधायक को सदन की कार्यवाही के नियमों की याद दिलाई और सीधे शपथ लेने को कहा. प्रोटेम स्पीकर की इस टोका-टाकी पर विनय बिहारी ने तुरंत प्रतिक्रिया दी. उन्होंने इस हस्तक्षेप को सीधे तौर पर भोजपुरी भाषा के सम्मान से जोड़ दिया. उन्होंने प्रोटेम स्पीकर से सवाल किया, “क्या आप भोजपुरी को दर्जा नहीं देना चाहते हैं?” उनके इस सवाल से कुछ देर के लिए सदन का माहौल गरमा गया.

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विवाद के मुख्य बिंदु:

  • लौरिया के विधायक विनय बिहारी को शपथ के लिए बुलाया गया.
  • उन्होंने शपथ लेने से पहले भोजपुरी में कविता सुनानी शुरू कर दी.
  • प्रोटेम स्पीकर ने उन्हें सदन के नियमों का हवाला देते हुए रोका.
  • इस पर विनय बिहारी ने इसे भोजपुरी भाषा के सम्मान का मुद्दा बना दिया.
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हमेशा से भोजपुरी के पक्षधर रहे हैं विनय बिहारी

यह कोई पहला मौका नहीं है जब विनय बिहारी ने भोजपुरी भाषा का मुद्दा उठाया हो. वह लंबे समय से भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग करते रहे हैं. सदन में उनके इस अंदाज को इसी मांग को मजबूती से रखने के एक तरीके के तौर पर देखा जा रहा है. हालांकि, कुछ देर की नोकझोंक के बाद सदन की कार्यवाही फिर से सामान्य रूप से चलने लगी, लेकिन इस घटना ने एक बार फिर भोजपुरी भाषा को लेकर चल रही बहस को हवा दे दी है.

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