दरभंगा समाचार: पिछले चार सालों से अनियमितताओं और विवादों के घेरे में रहा लहेरियासराय मदरसा यतीमखाना अब एक नए दौर में प्रवेश कर चुका है। रविवार को हुई एक महत्वपूर्ण बैठक के बाद सर्वसम्मति से नई कमेटी का गठन कर दिया गया है, लेकिन इस बदलाव के पीछे पुरानी कमेटी पर लगे गंभीर वित्तीय अनियमितताओं और गबन के आरोपों का साया भी मंडरा रहा है।
मदरसा यतीमखाना की बागडोर अब इरशाद हुसैन के नेतृत्व में एक नई टीम संभालेगी। रविवार को आयोजित एक बैठक में सर्वसम्मति से इरशाद हुसैन को सदर (अध्यक्ष) चुना गया। उनके साथ मज़हर अंसारी को सेक्रेटरी, निज़ाम अंसारी को खजांची (कोषाध्यक्ष), जबकि मंजर आलम और उस्मान ग़नी को नायब सदर (उपाध्यक्ष) की जिम्मेदारी सौंपी गई है। बेलाल अंसारी और अर्शी अंसारी भी नई कमेटी के सदस्य बनाए गए हैं।
विवादों से घिरी थी पुरानी कमेटी
जानकारी के अनुसार, लहेरियासराय मदरसा यतीमखाना पिछले करीब एक महीने से कमेटी गठन को लेकर चल रहे विवादों का केंद्र बना हुआ था। यह विवाद रविवार की बैठक के बाद नई कमेटी के गठन से समाप्त हुआ। पुरानी कमेटी पर आरोप है कि वह पिछले चार वर्षों से मदरसे की आय-व्यय का कोई स्पष्ट हिसाब नहीं दे रही थी। स्थानीय लोगों के अनुसार, कमेटी में पारदर्शिता की कमी, आंतरिक मतभेद और आर्थिक अनियमितताओं की शिकायतें लगातार सामने आ रही थीं, जिससे समुदाय में गहरा असंतोष था।
बैठक में उपस्थित लोगों ने पुरानी कमेटी से मदरसे के हिसाब-किताब और वित्तीय लेनदेन में पारदर्शिता को लेकर जवाब-तलब करने की कोशिश की, लेकिन विवादों से घिरी पुरानी कमेटी का कोई भी जिम्मेदार सदस्य इस महत्वपूर्ण बैठक में शामिल नहीं हुआ। स्थानीय निवासियों का दावा है कि पुरानी कमेटी पर मदरसे के फंड में गबन जैसी गंभीर शिकायतें समय-समय पर सामने आती रही थीं।
नई कमेटी का संकल्प: बेहतर शिक्षा और व्यवस्था
नई जिम्मेदारी संभालने के बाद, नवगठित कमेटी के सदर इरशाद हुसैन ने मदरसे के भविष्य को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिकता मदरसे की शैक्षणिक और प्रबंधन व्यवस्था को मजबूत करना होगा। इरशाद हुसैन ने इस बात पर जोर दिया कि यतीम बच्चों की शिक्षा के लिए एक बेहतर और सुरक्षित माहौल तैयार किया जाएगा, ताकि वे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर सकें।
इस बैठक में सामाजिक कार्यकर्ता सरवर कमाल, साकिब नज़मी, रुस्तम कुरैशी सहित दर्जनों स्थानीय लोग उपस्थित थे, जिन्होंने नई कमेटी के गठन का स्वागत किया और मदरसे के बेहतर भविष्य की उम्मीद जताई।








