back to top
2 दिसम्बर, 2025

हज़ारों वक्फ़ संपत्तियों पर संकट? RJD ने केंद्र सरकार से की डेडलाइन बढ़ाने की मांग

spot_img
spot_img
- Advertisement - Advertisement

गोपालगंज न्यूज़: केंद्र सरकार का एक पोर्टल, एक तय समय-सीमा और दांव पर लगी हज़ारों वक्फ़ संपत्तियां. तारीख़ नज़दीक आते ही बिहार में सियासत गरमा गई है और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने इसे लेकर सीधे केंद्र सरकार से एक बड़ी मांग कर दी है.

- Advertisement - Advertisement

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने केंद्र सरकार द्वारा वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण के लिए बनाए गए ‘उम्मीद’ पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन की अंतिम तिथि को आगे बढ़ाने की पुरजोर मांग की है. पार्टी का कहना है कि मौजूदा समय-सीमा अपर्याप्त है, जिसके कारण बड़ी संख्या में वक्फ संपत्तियां पंजीकृत होने से छूट सकती हैं. इस मांग ने उन हजारों संपत्तियों के भविष्य को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है, जिनका प्रबंधन वक्फ के तहत होता है.

- Advertisement - Advertisement

क्या है उम्मीद पोर्टल और क्यों है ज़रूरी?

केंद्र सरकार ने देश भर में फैली वक्फ संपत्तियों के रिकॉर्ड को डिजिटल बनाने, उनमें पारदर्शिता लाने और उनके प्रबंधन को सुव्यवस्थित करने के उद्देश्य से ‘उम्मीद’ (Umeed) पोर्टल लॉन्च किया था. इस पोर्टल पर सभी वक्फ संपत्तियों का पंजीकरण अनिवार्य किया गया है. इसका मुख्य लक्ष्य इन संपत्तियों का अतिक्रमण रोकना, उनके रिकॉर्ड को सुरक्षित करना और यह सुनिश्चित करना है कि इनसे होने वाली आय का सही इस्तेमाल समुदाय के कल्याण के लिए हो सके.

- Advertisement -
यह भी पढ़ें:  शादी में चली गोली, हेडमास्टर की जान गई... सासाराम में जश्न का माहौल मातम में बदला

डिजिटलीकरण की यह प्रक्रिया वक्फ बोर्डों को अपनी संपत्तियों की निगरानी और प्रबंधन में आधुनिक तकनीक का लाभ उठाने में मदद करेगी. सरकार का मानना है कि इससे संपत्तियों से जुड़े कानूनी विवादों को कम करने में भी सहायता मिलेगी. इसी प्रक्रिया के तहत पंजीकरण के लिए एक अंतिम तिथि निर्धारित की गई है.

राजद ने क्यों उठाई यह मांग?

यह भी पढ़ें:  बिहार के सरकारी स्कूली बच्चों के लिए बड़ी खुशखबरी! अब करेंगे देश का दौरा, ताजमहल से लेकर लाल किले तक सब घूमेंगे

राजद का तर्क है कि पंजीकरण की प्रक्रिया जटिल है और इसके लिए कई तरह के दस्तावेज़ों की ज़रूरत पड़ती है. पार्टी के अनुसार, कई संपत्तियों के प्रबंधक या मुतवल्ली (caretaker) ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं, जहां तकनीकी जानकारी और संसाधनों का अभाव है. इस वजह से उन्हें ऑनलाइन पंजीकरण करने में कई तरह की व्यावहारिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.

यह भी पढ़ें:  भागलपुर में गंगा का गुस्सा शांत करने की तैयारी, क्या 5000 बोरियों से रुक जाएगा कटाव?

पार्टी ने चिंता जताई है कि यदि अंतिम तिथि नहीं बढ़ाई गई तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं:

  • बड़ी संख्या में वक्फ संपत्तियां कानूनी रूप से अपंजीकृत रह जाएंगी.
  • डिजिटलीकरण और पारदर्शिता का जो मूल उद्देश्य है, वह अधूरा रह जाएगा.
  • जो संपत्तियां पंजीकृत नहीं हो पाएंगी, उनके भविष्य को लेकर कानूनी जटिलताएं पैदा हो सकती हैं.

इन्हीं चिंताओं को ध्यान में रखते हुए राजद ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि वह जमीनी हकीकत को समझे और सभी संपत्तियों का पंजीकरण सुनिश्चित करने के लिए अंतिम तिथि को तत्काल प्रभाव से बढ़ा दे, ताकि किसी भी समुदाय की संपत्ति रिकॉर्ड में आने से न छूटे.

- Advertisement -

जरूर पढ़ें

वैशाली में इंजीनियर के घर घुसकर पत्नी से हुई वारदात: सनसनीखेज खुलासा?

वैशाली समाचार: दौलतपुर देवरिया में एक सरकारी इंजीनियर के घर में देर रात अचानक...

कैमूर में सरकारी योजनाओं की जमीनी हकीकत: दावों और असलियत में बड़ा फर्क

कैमूर न्यूज़: कागजों पर फर्राटा भरती सरकारी योजनाएं जब जमीनी हकीकत से टकराती हैं,...

गया की राजनीति में नया अध्याय: क्यों बढ़ी शहर की विधानसभा सीट की अहमियत?

गया न्यूज़: बिहार की सियासत में गया शहर का राजनीतिक कद अब और भी...

बिहटा में फिर अपराधियों का तांडव, पुलिस की चौकसी पर सवाल

पटना न्यूज़: राजधानी पटना से सटे बिहटा में एक बार फिर अपराधियों ने अपना...
error: कॉपी नहीं, शेयर करें