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2 दिसम्बर, 2025

CBSE 10th 12th Practical Exam 2025 New Guidelines: 10वीं-12वीं की प्रैक्टिकल परीक्षाओं के लिए जारी की नई गाइडलाइंस, जानें कब और कैसे होंगे एग्जाम

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नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों के प्रैक्टिकल एग्जाम, प्रोजेक्ट वर्क और इंटरनल असेसमेंट को लेकर महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं। बोर्ड ने सभी संबद्ध स्कूलों के लिए विस्तृत गाइडलाइंस और स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOPs) जारी किए हैं, जिनका कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाएगा। इस वर्ष बोर्ड परीक्षाओं के आयोजन में कई अहम बदलाव किए गए हैं, जिसका लक्ष्य पूरे देश में परीक्षा प्रणाली में एकरूपता लाना और प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करना है।

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बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि सभी स्कूलों को निर्धारित समय-सीमा के भीतर प्रैक्टिकल और प्रोजेक्ट वर्क पूरा करना अनिवार्य है। चूंकि इस वर्ष बोर्ड को कुल चार परीक्षाएं आयोजित करनी हैं, इसलिए समय का कुशल प्रबंधन अत्यंत महत्वपूर्ण हो गया है। यह सुनिश्चित करेगा कि छात्रों और स्कूलों को भविष्य में किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।

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वेब पोर्टल पर मार्क्स अपलोड करने में सावधानी जरूरी

CBSE ने स्कूलों को निर्देश दिया है कि वे प्रैक्टिकल और इंटरनल असेसमेंट के मार्क्स वेब पोर्टल पर अत्यंत सावधानी से अपलोड करें। बोर्ड ने इस बात पर जोर दिया है कि एक बार मार्क्स अपलोड हो जाने के बाद उनमें किसी भी प्रकार का संशोधन या बदलाव स्वीकार नहीं किया जाएगा। इसलिए, स्कूलों को पूरी प्रक्रिया को पूरी निष्ठा और सटीकता के साथ संपन्न करना होगा।

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आंसर बुक में नया फीचर: परीक्षकों की अंडरटेकिंग

इस वर्ष प्रैक्टिकल परीक्षाओं में एक नया और महत्वपूर्ण बदलाव पेश किया गया है। प्रैक्टिकल आंसर बुक में अब एक नया फीचर शामिल किया गया है, जिसके तहत आंतरिक (Internal) और बाहरी (External) दोनों परीक्षकों को यह लिखित अंडरटेकिंग देनी होगी कि उन्होंने सभी डेटा की गहन जांच के बाद उसे सही तरीके से अपलोड किया है। इस कदम से गलतियों की संभावना काफी कम हो जाएगी और पूरी मूल्यांकन प्रक्रिया अधिक पारदर्शी बनेगी।

CBSE 10th 12th Practical Exam 2025 New Guidelines: 10वीं और 12वीं के प्रैक्टिकल परीक्षाएं: कब से कब तक?

नियमित स्कूलों में 10वीं और 12वीं कक्षा की प्रैक्टिकल परीक्षाएं 1 जनवरी 2026 से 14 फरवरी 2026 तक आयोजित की जाएंगी। वहीं, शीतकालीन (विंटर बाउंड) क्षेत्रों के स्कूलों के लिए प्रैक्टिकल परीक्षाएं पहले आयोजित की जाएंगी। इन क्षेत्रों में प्रैक्टिकल का आयोजन 6 नवंबर 2025 से 6 दिसंबर 2025 तक किया जाएगा। बोर्ड ने सभी स्कूलों को निर्देश दिया है कि वे इन निर्धारित तिथियों के अनुसार अपनी समय-सारणी तैयार करें और सभी परीक्षाओं को समय पर पूरा करें।

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रेगुलर छात्रों के लिए महत्वपूर्ण नियम

प्रैक्टिकल, प्रोजेक्ट और इंटरनल असेसमेंट केवल उन्हीं छात्रों के लिए आयोजित किए जाएंगे, जिनके नाम स्कूल द्वारा लिस्ट ऑफ कैंडिडेट्स (LOC) के माध्यम से बोर्ड को भेजे गए हैं। यदि किसी छात्र का नाम बोर्ड की सूची में शामिल नहीं है, तो स्कूल को तत्काल अपने क्षेत्रीय कार्यालय से संपर्क स्थापित करना होगा। स्कूलों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि प्रैक्टिकल परीक्षा के दौरान वही छात्र उपस्थित हो जिसका नाम भेजा गया है। किसी भी प्रकार की अनियमितता पाए जाने पर स्कूल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है।

प्राइवेट उम्मीदवारों के लिए भी नियम तय

CBSE ने प्राइवेट उम्मीदवारों के लिए भी प्रैक्टिकल, प्रोजेक्ट और इंटरनल मार्क्स के संबंध में स्पष्ट नियम बनाए हैं। इनके मार्क्स बोर्ड की निर्धारित नीति और परीक्षा उपविधियों के अनुसार ही दिए जाएंगे। यदि किसी प्राइवेट छात्र का प्रैक्टिकल किसी विशेष परिस्थिति में दोबारा कराना आवश्यक हो, तो वह भी बोर्ड की नीति के तहत ही संपन्न होगा। बोर्ड ने स्कूलों से अपेक्षा की है कि वे प्राइवेट उम्मीदवारों को इन नीतियों से अच्छी तरह अवगत कराएं ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की गलतफहमी या परेशानी से बचा जा सके।

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बदलावों के पीछे का उद्देश्य

हर वर्ष CBSE लाखों छात्रों की प्रैक्टिकल परीक्षाएं आयोजित करता है। पूर्व में कुछ स्कूलों द्वारा प्रक्रिया के पालन में भिन्नता या शिकायतों के कारण, बोर्ड ने इस वर्ष SOPs में महत्वपूर्ण संशोधन किए हैं। इसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि परीक्षा प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी, समान और समय पर संपन्न हो।

CBSE 10th 12th Practical Exam 2025 New Guidelines छात्रों पर क्या होगा असर?

इन नए दिशानिर्देशों के लागू होने से प्रैक्टिकल और इंटरनल असेसमेंट प्रक्रिया अधिक सख्त और समयबद्ध हो जाएगी। मार्क्स अपलोडिंग में गलतियों की गुंजाइश काफी कम हो जाएगी। छात्रों को अपनी परीक्षाएं निर्धारित समय पर देनी होंगी, क्योंकि अब तिथियों को आगे बढ़ाने की संभावना न के बराबर होगी। वहीं, आंतरिक और बाहरी दोनों परीक्षकों की जिम्मेदारी और जवाबदेही बढ़ाई गई है।

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