नालंदा: बिहार में बुलडोजरों के गरजने की आवाज़ तेज़ हो गई है, लेकिन इसी शोर के बीच एक सांसद की सीधी चुनौती ने पटना तक हलचल मचा दी है. तारीख 5 है, और सवाल ये है कि क्या उस दिन गरीबों के आशियाने बचेंगे या फिर बुलडोजर अपना काम करेगा?
पूर्णिया से नवनिर्वाचित सांसद पप्पू यादव ने बिहार सरकार के बुलडोजर एक्शन पर तीखा प्रहार किया है. नालंदा पहुंचे पप्पू यादव ने स्थानीय प्रशासन को खुली चेतावनी देते हुए कहा कि अगर 5 तारीख को किसी भी गरीब का घर तोड़ा गया तो वह चुप नहीं बैठेंगे. उन्होंने सरकार के इस कदम को गरीबों के खिलाफ बताते हुए इसके गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है.
सरकार को सीधी चेतावनी
दरअसल, बिहार में नई सरकार के गठन के बाद से ही राज्य भर में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जा रहा है. पटना, नालंदा, दरभंगा समेत कई जिलों में सरकारी जमीन पर बने अवैध निर्माणों को बुलडोजर से ढहाया जा रहा है. सरकार का तर्क है कि यह कार्रवाई कानून के तहत हो रही है और इसका मकसद सरकारी जमीनों को अतिक्रमण मुक्त कराना है.
हालांकि, इस कार्रवाई को लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है. विपक्ष के नेताओं का आरोप है कि सरकार बिना किसी नोटिस और पुनर्वास योजना के गरीबों को उजाड़ रही है. इसी कड़ी में अब पप्पू यादव का नाम भी जुड़ गया है, जिन्होंने इस मुद्दे पर सरकार से सीधे टकराने का मन बना लिया है.
‘पहले पुनर्वास, फिर कार्रवाई’
पप्पू यादव ने साफ शब्दों में कहा कि सरकार को पहले गरीबों के पुनर्वास की व्यवस्था करनी चाहिए, उसके बाद ही कोई कार्रवाई करनी चाहिए. बिना वैकल्पिक व्यवस्था के किसी को उजाड़ने नहीं दिया जाएगा. उन्होंने इस कार्रवाई को अमानवीय बताते हुए सरकार से इस पर पुनर्विचार करने की मांग की है.
पप्पू यादव की प्रमुख मांगें:
- कार्रवाई से पहले गरीबों को उचित नोटिस दिया जाए.
- उजाड़े जा रहे लोगों के रहने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाए.
- सिर्फ गरीबों को नहीं, बल्कि बड़े और प्रभावशाली अतिक्रमणकारियों पर भी समान रूप से एक्शन हो.
पप्पू यादव की इस चेतावनी के बाद अब सबकी निगाहें 5 तारीख पर टिक गई हैं. देखना यह होगा कि क्या प्रशासन अपनी कार्रवाई जारी रखता है या फिर सांसद की चेतावनी के बाद अपने कदम पीछे खींचता है. इस घटना ने बिहार में बुलडोजर एक्शन पर चल रही राजनीतिक बहस को और तेज़ कर दिया है.








