मुज़फ्फरपुर न्यूज़: मुज़फ्फरपुर में एक बार फिर आंदोलन की सुगबुगाहट तेज़ हो गई है। जिले में बाढ़ की विभीषिका झेल चुके पीड़ितों को अब तक उचित मुआवजा न मिलने से गहरा रोष है। इसी मुद्दे को लेकर एक बड़ा अनशन शुरू हो गया है, जिसने स्थानीय प्रशासन की चिंताएं बढ़ा दी हैं। आखिर कब मिलेगी बाढ़ पीड़ितों को उनके हक की राशि?
मुआवजे की आस में अनशन पर बैठे लोग
हाल ही में आई भीषण बाढ़ ने मुज़फ्फरपुर और इसके आस-पास के क्षेत्रों में भारी तबाही मचाई थी। हजारों घर बर्बाद हो गए, फसलें तबाह हो गईं और लाखों लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया। सरकार और प्रशासन द्वारा तत्काल राहत पहुंचाने के दावे किए गए थे, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। प्रभावित परिवारों का कहना है कि उन्हें अभी तक न तो पर्याप्त राहत मिली है और न ही क्षतिपूर्ति के रूप में कोई मुआवजा।
इसी मांग को लेकर अब स्थानीय ग्रामीण और कुछ सामाजिक संगठन एकजुट हो गए हैं। उनकी एकमात्र मांग है कि बाढ़ पीड़ितों को जल्द से जल्द नियमानुसार उचित मुआवजा दिया जाए ताकि वे अपने जीवन को दोबारा पटरी पर ला सकें। अनशन स्थल पर बड़ी संख्या में लोग जमा हो रहे हैं, जो प्रशासन से तुरंत कार्रवाई की अपील कर रहे हैं।
प्रशासन पर लापरवाही के आरोप
अनशन पर बैठे लोगों का आरोप है कि प्रशासन मुआवजे वितरण में लगातार लापरवाही बरत रहा है। उनका कहना है कि कई बार आवेदन जमा करने के बाद भी उनकी सुनवाई नहीं हो रही है, और न ही कोई स्पष्ट जानकारी दी जा रही है कि मुआवजा कब और कैसे मिलेगा। इस देरी से पीड़ितों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं, खासकर ऐसे समय में जब उनके पास रहने और खाने का भी पर्याप्त इंतजाम नहीं है।
- मुआवजे के लिए बार-बार गुहार लगाना।
- राहत कार्यों में धीमी गति का आरोप।
- प्रशासनिक अधिकारियों से कई बार मुलाकातें विफल।
- जीवनयापन के लिए दैनिक संघर्ष जारी।
आगे की रणनीति और सरकार की चुनौती
अनशनकारियों ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक उनकी मांगों पर उचित कार्रवाई नहीं की जाती, उनका यह प्रदर्शन जारी रहेगा। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। यह स्थिति सरकार के लिए भी एक बड़ी चुनौती पेश कर रही है, क्योंकि बाढ़ पीड़ितों का गुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है। अब देखना यह है कि प्रशासन और सरकार इस अनशन को खत्म करने और पीड़ितों को राहत पहुंचाने के लिए क्या कदम उठाते हैं।








