back to top
3 दिसम्बर, 2025

मुज़फ्फरपुर में किसानों को मिला प्रकृति से जुड़ने का मंत्र! जानिए क्या है ये नई पहल

spot_img
spot_img
- Advertisement - Advertisement

मुज़फ्फरपुर न्यूज़: क्या होगा अगर खेती में खाद और केमिकल का इस्तेमाल बिल्कुल बंद कर दिया जाए? मुज़फ्फरपुर के किसानों को अब एक ऐसी ही नई दिशा दिखाई जा रही है, जो न सिर्फ ज़मीन को रासायनिक ज़हर से बचाएगी, बल्कि खेती की लागत घटाकर किसानों का मुनाफ़ा भी बढ़ाएगी। यह पहल क्षेत्र में टिकाऊ और पर्यावरण-अनुकूल कृषि को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

- Advertisement - Advertisement

हाल ही में मुज़फ्फरपुर में किसानों के लिए एक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें उन्हें प्राकृतिक खेती के उन्नत तरीकों और तकनीकों से अवगत कराया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य किसानों को रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों पर निर्भरता कम करके जैविक और प्राकृतिक विधियों को अपनाने के लिए प्रेरित करना था, ताकि वे कम लागत में बेहतर उपज प्राप्त कर सकें और अपनी मिट्टी के स्वास्थ्य को भी बनाए रख सकें।

- Advertisement - Advertisement

प्राकृतिक खेती: क्यों है आज की ज़रूरत?

प्राकृतिक खेती एक ऐसी कृषि पद्धति है जिसमें किसी भी प्रकार के रासायनिक उर्वरक, कीटनाशक या खरपतवारनाशक का उपयोग नहीं किया जाता। यह प्रकृति के नियमों पर आधारित है, जहाँ मिट्टी की उर्वरता और पौधों का पोषण प्राकृतिक प्रक्रियाओं द्वारा सुनिश्चित किया जाता है। इस विधि में गोबर की खाद, कम्पोस्ट, हरी खाद, फसल अवशेष और जैव-उर्वरकों का प्रयोग होता है, जिससे मिट्टी की जैविक गतिविधि बढ़ती है और उसकी संरचना में सुधार होता है।

- Advertisement -
यह भी पढ़ें:  बागमती नदी पर बनेगा 814 करोड़ का मेगा पुल: मुजफ्फरपुर समेत तीन जिलों की बदलेगी तस्वीर, विकास को मिलेगी नई रफ्तार

पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से प्राकृतिक खेती बेहद महत्वपूर्ण है। रासायनिक खेती से न केवल मिट्टी की उर्वरता घटती है, बल्कि भूजल भी प्रदूषित होता है और उपभोक्ताओं तक भी रसायनों से युक्त खाद्य पदार्थ पहुँचते हैं। प्राकृतिक खेती इन सभी समस्याओं का समाधान प्रस्तुत करती है, जिससे किसानों को तो लाभ होता ही है, साथ ही उपभोक्ताओं को भी स्वस्थ और पौष्टिक भोजन मिलता है।

किसानों के लिए फ़ायदे का सौदा

प्रशिक्षण कार्यक्रम में किसानों को प्राकृतिक खेती के विभिन्न पहलुओं की विस्तृत जानकारी दी गई। विशेषज्ञों ने उन्हें ज़ीरो बजट प्राकृतिक खेती (ZBNF), सहफसली खेती, मल्चिंग, बीजामृत और जीवामृत जैसे महत्वपूर्ण तकनीकों के बारे में बताया। इन तकनीकों को अपनाकर किसान न केवल अपनी फसल की गुणवत्ता सुधार सकते हैं, बल्कि उत्पादन लागत में भी भारी कमी ला सकते हैं, क्योंकि इसमें बाहरी इनपुट पर खर्च लगभग न के बराबर होता है।

यह भी पढ़ें:  मुजफ्फरपुर: पूर्व पंचायत सचिव पर कसा विभागीय शिकंजा, आरोप पत्र गठित होने से बढ़ी मुश्किलें

इस तरह के प्रशिक्षण से किसानों को आधुनिक और टिकाऊ कृषि पद्धतियों से जुड़ने का अवसर मिलता है। यह उन्हें आत्मनिर्भर बनने और बाज़ार में अपनी उपज को बेहतर दाम पर बेचने में मदद करेगा, क्योंकि जैविक और प्राकृतिक उत्पादों की मांग लगातार बढ़ रही है। मुज़फ्फरपुर में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की यह पहल कृषि क्षेत्र में एक सकारात्मक बदलाव लाने की उम्मीद जगाती है, जिससे ज़िले के किसान और पर्यावरण दोनों लाभान्वित होंगे।

- Advertisement -

जरूर पढ़ें

Darbhanga Land News: भूमि दस्तावेज़ों पर हाई अलर्ट! अब हर रिकॉर्ड एल्युमिनियम बॉक्स में सील— जानिए क्या है बड़ी वजह?

Darbhanga Land News: ज़मीन के मालिकाना हक़ और उसकी पहचान तय करने वाले पुराने...

मधुबनी: विद्यालय शिक्षा समिति के सदस्यों का चयन, जानिए क्या है आगे की योजना

मधुबनी: नगर पंचायत क्षेत्र के वार्ड 10 स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय, दनरा टोल वार्ड...

बिहार में PDS के लिए अनाज खरीद का नया नियम: अब सिर्फ स्थानीय किसानों को मिलेगा फायदा

पटना न्यूज़: बिहार के अन्नदाताओं के लिए राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया...

मुजफ्फरपुर: एमआईटी में छात्रों के लिए बड़ा ऐलान, 42.45 करोड़ की लागत से बनेगा 200 बेड का अत्याधुनिक हॉस्टल

मुजफ्फरपुर न्यूज़: बिहार की शिक्षा नगरी मुजफ्फरपुर में एक ऐसे प्रतिष्ठित संस्थान में छात्रों...
error: कॉपी नहीं, शेयर करें