Madhubani News: मधुबनी में प्रशासनिक एक्शन: DM आनंद शर्मा के निर्देश पर 124 पंचायतों में औचक निरीक्षण, अधिकारियों को दिए गए कड़े निर्देश
Madhubani News: अफसरशाही की धीमी चाल के बीच जब प्रशासन अचानक रेस लगाता है, तो कई व्यवस्थाओं की पोल खुल जाती है और काम में तेजी आती है। मधुबनी में भी कुछ ऐसा ही हुआ जब जिलाधिकारी आनंद शर्मा के एक निर्देश ने पूरे जिले के प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मचा दिया। सरकार द्वारा चलाई जा रही जनोपयोगी योजनाओं को जमीन पर उतारने की हकीकत जानने के लिए प्रशासन ने एक बड़ा कदम उठाया।
Madhubani News: ‘जिला प्रशासन गांव की ओर’ कार्यक्रम के तहत औचक निरीक्षण
जिलाधिकारी आनंद शर्मा के निर्देशानुसार, ‘जिला प्रशासन गाँव की ओर’ कार्यक्रम के तहत जिले के वरिष्ठ अधिकारियों ने एक साथ 21 प्रखंडों के 124 पंचायतों का औचक निरीक्षण किया। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न जनोपयोगी एवं लोक कल्याणकारी योजनाओं का निर्धारित समय-सीमा के अंदर गुणवत्तापूर्ण कार्यान्वयन सुनिश्चित करना था। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। अधिकारियों ने न केवल योजनाओं की जमीनी हकीकत परखी, बल्कि अपने निरीक्षण और मंतव्य को ‘मधुबनी फर्स्ट पोर्टल’ पर तुरंत दर्ज भी किया, ताकि पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे।
इस औचक जांच के दौरान अधिकारियों की टीम ने पंचायत कार्यालयों में पहुंचकर पंचायत स्तर पर सभी विभागों द्वारा दी जा रही सेवाओं और कार्यों की गहन समीक्षा की। इस व्यापक अभियान में रहिका के 6, पंडौल-8, राजनगर-4, खजौली-5, कलुआही-5, बाबूबरही-5, झंझारपुर-8, अंधराठाढ़ी-5, लखनौर-5, मधेपुर-7, बेनीपट्टी-10, बिस्फी-10, हरलाखी-5, मधवापुर-5, जयनगर-6, बासोपट्टी-4, लदनियां-5, फुलपरास-7, घोघरडीहा-5, खुटौना-3 और लौकही के 5 पंचायतों को शामिल किया गया।
जांच के केंद्र में रहीं ये प्रमुख व्यवस्थाएं
जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया था कि वे संबंधित पंचायत सरकार भवन से ही ई-ऑफिस के माध्यम से अपने दैनिक कार्यों का निपटारा करेंगे और साथ ही पंचायत स्तर पर चल रहे कार्यों का निरीक्षण भी करेंगे। इस दौरान सरकारी योजनाओं की समीक्षा करते हुए कई मुख्य बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित किया गया:
- पंचायत सरकार भवन: भवन की अद्यतन स्थिति, निर्माण कार्य की गुणवत्ता और रखरखाव की जांच की गई।
- कर्मियों की उपस्थिति: पंचायत सचिव, रोजगार सेवक, राजस्व कर्मचारी, और अन्य कर्मियों की बायोमेट्रिक उपस्थिति की जांच की गई।
- RTPS काउंटर: आरटीपीएस काउंटर के संचालन और प्रदान की जा रही सेवाओं की गुणवत्ता का मूल्यांकन किया गया।
- पुस्तकालय/ज्ञान केंद्र: पुस्तकालय के संचालन, किताबों की उपलब्धता, विशेषकर प्रतियोगी परीक्षाओं से संबंधित पुस्तकों की स्थिति जांची गई।
- ग्राम कचहरी: ग्राम कचहरी के नियमित संचालन और e-gram kachhari portal पर मामलों के अपडेट की स्थिति की समीक्षा हुई।
- शिकायत निवारण: मुख्यमंत्री जनता दरबार और अन्य माध्यमों से प्राप्त शिकायतों के निपटारे की स्थिति का जायजा लिया गया।
- फसल सुरक्षा: नीलगाय और जंगली सुअर जैसी समस्याओं से निपटने के लिए उठाए गए कदमों की समीक्षा की गई। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
- अन्य योजनाएं: ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान और जन्म/मृत्यु पंजीकरण की स्थिति की भी औचक जांच की गई।
अधिकारियों को मिले सख्त निर्देश
निरीक्षण के दौरान जहां भी खामियां पाई गईं, संबंधित अधिकारियों और कर्मियों को तत्काल सुधार के लिए कड़े निर्देश दिए गए। जिलाधिकारी का यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए है कि योजनाओं का लाभ बिना किसी देरी के सीधे आम जनता तक पहुंचे। इस पूरी कवायद का मकसद महज निरीक्षण करना नहीं, बल्कि व्यवस्था में सुधार लाना और उसे जन-केंद्रित बनाना है। जिला प्रशासन का यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए है कि योजनाओं का लाभ सीधे जनता तक पहुंचे। बिहार की लगातार ख़बरें यहां पढ़ें। इस औचक निरीक्षण से यह स्पष्ट है कि प्रशासन अब फाइलों से निकलकर सीधे गांवों तक पहुंच बना रहा है, जिससे जमीनी स्तर पर कार्यों में पारदर्शिता और तेजी आने की उम्मीद है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।


