Mob Lynching: दरभंगा देशज टाइम्स। जब कानून व्यवस्था की डोर ढीली पड़ती है, तब भीड़ का इंसाफ क्रूरता की सारी हदें पार कर जाता है। बिहार में एक बार फिर सांप्रदायिक सौहार्द को तार-तार करते हुए एक निर्दोष की जान भीड़ हिंसा की भेंट चढ़ गई।
Mob Lynching: नवादा में कपड़ा कारोबारी की बर्बर हत्या पर माले और इंसाफ मंच का हल्ला बोल
बिहार के नवादा जिले के रोह थाना क्षेत्र स्थित भट्टा गांव में 5 दिसंबर 2025 को एक मुस्लिम कपड़ा फेरीवाले मोहम्मद अतहर हुसैन की बर्बर मॉब लिंचिंग के खिलाफ पूरे राज्य में आक्रोश फैल गया है। इसी कड़ी में भाकपा(माले) और इंसाफ मंच ने आज दरभंगा में एक विशाल विरोध मार्च का आयोजन किया।

लहेरियासराय टावर पर आयोजित सभा में इंसाफ मंच के प्रदेश उपाध्यक्ष नेयाज अहमद, भाकपा(माले) के राज्य कमेटी सदस्य अभिषेक कुमार, अशोक पासवान, मोहम्मद जमालुद्दीन, पप्पू खान, हरि पासवान, रंजन प्रसाद सिंह, हसीना खातून, मोहम्मद शौकत सहित कई प्रमुख नेताओं और कार्यकर्ताओं ने शिरकत की। कार्यक्रम का संचालन महानगर सचिव कामेश्वर पासवान ने किया। यह घटना एक बार फिर राज्य की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है, आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
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वक्ताओं ने इस दौरान कहा कि नवादा की यह घटना भाजपा द्वारा बिहार में लगातार बनाए जा रहे सांप्रदायिक माहौल का सीधा और भयानक उदाहरण है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि एनडीए सरकार बिहार में ‘योगी मॉडल’ लागू करने का सपना देख रही है, तो यह राज्य की सामाजिक एकता और लोकतंत्र के लिए अत्यंत खतरनाक होगा, जिसका कड़ा प्रतिरोध किया जाएगा। गृह मंत्री सम्राट चौधरी के कार्यभार संभालने के बाद से राज्य में मॉब हिंसा और बुलडोजर कार्रवाई की घटनाओं में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है।
पीड़ित परिवार की मांगें और प्रशासन की जवाबदेही
प्रदर्शनकारियों ने मोहम्मद अतहर हुसैन की बर्बर हत्या के दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी और उन्हें कड़ी सजा देने की मांग की। उनकी प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं:
- मोहम्मद अतहर हुसैन की हत्या में शामिल सभी दोषियों को अविलंब गिरफ्तार कर उन्हें कठोरतम सज़ा दी जाए।
- पीड़ित परिवार को सुरक्षा, न्याय और पर्याप्त मुआवज़ा प्रदान किया जाए।
- निर्दोष लोगों पर थोपे गए झूठे मुकदमों को रद्द किया जाए तथा दोषी पुलिसकर्मियों और अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।
- बुलडोज़र कार्रवाई और भीड़तंत्र पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए।
- गृह मंत्री सम्राट चौधरी राज्य की कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति पर सार्वजनिक रूप से जवाब दें।
घटना की क्रूरता और प्रशासनिक उदासीनता
मोहम्मद अतहर हुसैन को केवल मुस्लिम होने के संदेह के आधार पर घेरकर अमानवीय यातनाएं दी गईं। उन्हें बेरहमी से पीटा गया, गर्म औज़ार से शरीर दागा गया, कान काटे गए, उंगलियां तोड़ी गईं और उनके निजी अंगों में पेट्रोल तक डाला गया। अधमरी हालत में छोड़ दिए जाने के बाद उल्टा उन पर चोरी का झूठा मुकदमा दर्ज कर दिया गया। इलाज के दौरान 12 दिसंबर 2025 को उनकी दुखद मृत्यु हो गई। इस हृदय विदारक मौत के लिए पुलिस, जिला प्रशासन और चिकित्सकीय लापरवाही सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं, आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
घटना के बाद से भट्टा गांव और आसपास के इलाकों में भय का माहौल व्याप्त है। गांव में निवास कर रहे 10-15 मुस्लिम परिवार डरे-सहमे हुए हैं और खुलकर अपनी बात कहने की स्थिति में नहीं हैं। आरोप है कि अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है और उनकी पृष्ठभूमि की गंभीर जांच अब तक नहीं की गई है। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
लोकतंत्र और संविधान की रक्षा का आह्वान
भाकपा(माले) और इंसाफ मंच ने बिहार की जनता से आह्वान किया है कि वे संविधान, लोकतंत्र और इंसाफ की रक्षा के लिए एकजुट होकर आगे आएं। उन्होंने स्पष्ट किया कि भीड़तंत्र, नफरत और दमन की राजनीति के खिलाफ उनका संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक न्याय सुनिश्चित नहीं हो जाता। बिहार को सांप्रदायिक नफरत की आग में झोंकने की किसी भी कोशिश का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।




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