Land Reform: बिहार के सरकारी गलियारों में सुस्ती की धूल अब नहीं चलेगी। दशकों से अटकी फाइलों को रफ्तार देने और जनता को राहत दिलाने के लिए अब कमर कस ली गई है।
Land Reform में ढिलाई, अब नहीं चलेगी मनमानी
पटना के गांधी मैदान स्थित ज्ञान भवन में आयोजित भूमि सुधार जनकल्याण कार्यशाला सिर्फ एक औपचारिक बैठक नहीं थी, बल्कि यह स्पष्ट संदेश देने का मंच बन गई कि अब भूमि सुधार विभाग में किसी भी प्रकार की ढिलाई या लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उप मुख्यमंत्री सह राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री विजय सिन्हा ने सख्त लहजे में अधिकारियों को चेताया कि जनता से जुड़े मामलों में त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार और अक्षमता पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी। मंत्री विजय सिन्हा ने कार्यशाला के दौरान उपस्थित अधिकारियों से सीधे संवाद किया। उन्होंने कहा कि भूमि विवादों का तेजी से निपटारा करना और म्यूटेशन (दाखिल-खारिज) जैसे कार्यों को समय पर पूरा करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने पुराने लंबित मामलों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि वे तय समय सीमा के भीतर उनका निपटारा करें। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। उन्होंने स्पष्ट किया कि जो अधिकारी अपने कर्तव्यों के प्रति गंभीर नहीं होंगे, उनके खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
यह कार्यशाला बिहार के भूमि प्रशासन में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। लंबे समय से चल रहे भूमि विवाद और राजस्व संबंधी मुद्दों से आम जनता काफी परेशान रही है। सरकार का उद्देश्य है कि इन समस्याओं का स्थायी समाधान खोजा जाए और लोगों को अनावश्यक चक्कर लगाने से मुक्ति मिले।
कार्यप्रणाली में अपेक्षित सुधार
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि केवल आदेश देने से काम नहीं चलेगा, बल्कि धरातल पर बदलाव दिखना चाहिए। उन्होंने राजस्व विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे नियमित रूप से अपने क्षेत्रों का दौरा करें और जनता की समस्याओं को सुनें। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। उनका कहना था कि जब तक अधिकारी जमीनी स्तर पर सक्रिय नहीं होंगे, तब तक वास्तविक सुधार संभव नहीं है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। उन्होंने तकनीकी के अधिकतम उपयोग पर भी जोर दिया ताकि प्रक्रियाएं सरल और तेज हो सकें। उन्होंने डिजिटल माध्यम से होने वाली म्यूटेशन और अन्य सेवाओं की प्रगति की भी समीक्षा की।
इस पहल से उम्मीद की जा रही है कि बिहार में भूमि संबंधी विवादों में कमी आएगी और राजस्व विभाग की कार्यप्रणाली अधिक दक्ष और जन-उन्मुख बनेगी। आम लोगों को अपनी जमीन से जुड़े कार्यों के लिए अब दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे, ऐसी व्यवस्था बनाने की दिशा में सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।



