Gopalganj News: भूमि विवाद की चिंगारी अक्सर शांत गांवों में भी आग लगा देती है, और जब यह आग महिलाओं तक पहुंचती है, तो मंजर और भी भयावह हो जाता है। गोपालगंज के फुलवरिया में कुछ ऐसा ही हुआ, जहां दबंगों ने एक महिला को भूमि विवाद के चलते बेरहमी से पीटा, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई। यह घटना देर रात हुई, जिसने एक बार फिर बिहार में भूमि विवाद से होने वाली हिंसा की भयावहता को उजागर कर दिया है।
Gopalganj News: फुलवरिया में भूमि विवाद का खूनी खेल, महिला गंभीर रूप से घायल, प्रशासन पर सवाल
Gopalganj News: जमीनी विवाद में महिला पर जानलेवा हमला
फुलवरिया थाना क्षेत्र के पैकौली नारायण गांव में गुरुवार की देर रात एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। स्थानीय जानकारी के अनुसार, गांव में लंबे समय से चले आ रहे भूमि विवाद ने उस वक्त हिंसक रूप ले लिया जब कुछ दबंगों ने एक महिला पर हमला कर दिया। महिला को बुरी तरह से मारा-पीटा गया, जिससे उसे गंभीर चोटें आई हैं। घटना के बाद आरोपी मौके से फरार हो गए, जबकि स्थानीय लोगों की मदद से घायल महिला को तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
बढ़ते भूमि विवाद: प्रशासन की चुप्पी पर सवाल
प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने महिला की गंभीर हालत को देखते हुए उसे बेहतर इलाज के लिए बड़े अस्पताल में रेफर कर दिया है। बताया जा रहा है कि महिला के सिर और शरीर के अन्य हिस्सों में गहरी चोटें आई हैं, जिससे उसकी स्थिति नाजुक बनी हुई है। इस तरह की लैंड डिस्प्यूट वायलेंस की घटनाएं ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार बढ़ रही हैं, जो कानून व्यवस्था के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुकी हैं।
पुलिस ने मामले में त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिया है, लेकिन अभी तक किसी की गिरफ्तारी की खबर नहीं है। परिजनों ने बताया कि दबंगों द्वारा कई बार पहले भी धमकी दी गई थी, जिसकी शिकायत पुलिस से की गई थी, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। यही कारण है कि आज यह घटना एक गंभीर रूप ले चुकी है। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
पुलिस उपाधीक्षक ने कहा है कि मामले की गहन जांच की जा रही है और दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने ग्रामीणों से शांति बनाए रखने और कानून का पालन करने की अपील की है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। ग्रामीण लगातार प्रशासन पर भूमि विवादों के समाधान में ढिलाई बरतने का आरोप लगाते रहे हैं, जिसका नतीजा ऐसी हिंसक झड़पों के रूप में सामने आता है। अब देखना यह होगा कि इस मामले में पुलिस कितनी मुस्तैदी से काम करती है और पीड़ित महिला को कितना जल्द न्याय मिल पाता है। यह घटना एक बार फिर दर्शाती है कि ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि विवादों को सुलझाने के लिए एक मजबूत और प्रभावी तंत्र की आवश्यकता है।


