iPhone Manufacturing
iPhone Manufacturing: भारत में स्मार्टफोन विनिर्माण क्षेत्र एक अभूतपूर्व उछाल देख रहा है, और इस क्रांति का नेतृत्व कर रही है फॉक्सकॉन। ताइवानी दिग्गज Hon Hai Precision Industry Co., जिसे फॉक्सकॉन के नाम से जाना जाता है, ने बेंगलुरु के पास अपनी नई आईफोन असेंबली फैसिलिटी में मात्र आठ से नौ महीनों में लगभग 30,000 कर्मचारियों को नौकरी देकर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, यह चंद महीनों में किसी फैक्ट्री में हुई अब तक की सबसे बड़ी हायरिंग है और यह भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
भारत में iPhone Manufacturing का नया अध्याय: फॉक्सकॉन ने 30,000 नौकरियां दीं
यह विशाल भर्ती Apple के लिए कॉन्ट्रैक्ट पर आईफोन बनाने वाली इस कंपनी की भारत में विस्तार योजनाओं का हिस्सा है। फॉक्सकॉन का यह कदम भारत सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल को भी बल दे रहा है, जिससे देश में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण को बढ़ावा मिल रहा है। इस नई फैसिलिटी से भारत में आईफोन उत्पादन में तेजी आएगी, जिससे स्थानीय रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
भारत में iPhone Manufacturing का बढ़ता दायरा और महिला सशक्तिकरण
बेंगलुरु के देवनहल्ली में 300 एकड़ में फैली यह फैक्ट्री अपनी एक और खास बात के लिए जानी जाती है: यह मुख्य रूप से महिलाओं द्वारा संचालित है। यहां काम करने वालों में लगभग 80 प्रतिशत महिलाएं हैं, जिनमें से ज्यादातर 19-24 साल की हैं और यह उनकी पहली नौकरी है। यह चीन के बाहर फॉक्सकॉन की सबसे बड़ी फैक्ट्री है, जिसने इस साल अप्रैल-मई में ट्रायल प्रोडक्शन शुरू किया था। शुरुआत में iPhone 16 मॉडल असेंबल किए जा रहे थे, और अब यहां नवीनतम iPhone 17 Pro Max की मैन्युफैक्चरिंग भी की जा रही है। उत्पादित किए जा रहे अधिकांश iPhones को विदेशों में निर्यात किया जा रहा है, जो भारत की निर्यात क्षमता को दर्शाता है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। यह पहल Apple की वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को और अधिक विविध बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
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फॉक्सकॉन का ‘प्रोजेक्ट एलिफेंट’: भविष्य की संभावनाएं और सामुदायिक विकास
यह आईफोन सप्लायर फॉक्सकॉन के महत्वाकांक्षी ‘प्रोजेक्ट एलिफेंट’ का हिस्सा है, जिसमें बड़े पैमाने पर निवेश किया गया है। इस यूनिट में 50,000 तक लोगों को रोजगार देने की क्षमता है, जो स्थानीय अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा वरदान साबित होगा। कैंपस में छह बड़े डॉरमेट्री हैं, जिनमें से कई महिला कर्मचारियों के लिए पहले से ही चालू हैं, जबकि अन्य सुविधाओं को पूरा करने का काम तेजी से चल रहा है। इस यूनिट को आगे और बढ़ाने और अधिक से अधिक महिला कर्मचारियों को नियुक्त करने की उम्मीद है, जिससे आसपास के कई पड़ोसी राज्यों की महिलाओं को भी नौकरी मिलेगी। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
द इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस प्रोजेक्ट को एक सेल्फ-कंटेन्ड टाउनशिप के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें फैक्ट्री परिसर के भीतर ही आवास, स्वास्थ्य सेवा, स्कूलिंग और मनोरंजन जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। यहां काम करने वालों को मुफ्त रहने और सब्सिडी वाले खाने की सुविधा मिलती है, साथ ही मासिक लगभग 18,000 रुपये की पगार भी दी जाती है। यह न केवल आर्थिक स्थिरता प्रदान करता है, बल्कि कर्मचारियों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने में भी मदद करता है। फॉक्सकॉन का यह निवेश भारत को वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण मानचित्र पर एक प्रमुख स्थान दिलाएगा।



