Russell’s Viper: जैसे किसी अनचाहे मेहमान की विदाई से घर में सुकून लौट आता है, कुछ ऐसा ही महसूस हुआ खगड़िया के नयागांव शिरोमणी टोला के लोगों को।
खगड़िया में पकड़ा गया Russell’s Viper, ग्रामीणों ने ली चैन की सांस
पिछले कई दिनों से खगड़िया के परबत्ता प्रखंड के नयागांव शिरोमणी टोला में एक ऐसे जीव का खौफ पसरा था, जिसने लोगों की रातों की नींद हराम कर दी थी। यह कोई और नहीं, बल्कि एशिया का सबसे जहरीला सांप, रसैल वायपर था। इसके इलाके में होने की खबर ने पूरे गांव में दहशत का माहौल बना दिया था।
ग्रामीणों के लगातार भयभीत रहने और सांप के खुले में घूमने की सूचना पर, वन्यजीव विशेषज्ञों और बचाव दल ने तत्काल कार्रवाई की। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। अथक प्रयासों और विशेषज्ञता के साथ, आखिरकार इस बेहद खतरनाक जीव को सफलतापूर्वक रेस्क्यू कर लिया गया। इस सफल snake rescue ऑपरेशन के बाद से ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है।
ग्रामीणों की रातों की नींद हराम करने वाला Russell’s Viper
रसैल वायपर, जिसे दुबोइया के नाम से भी जाना जाता है, अपनी अत्यधिक विषाक्तता और आक्रामक स्वभाव के लिए प्रसिद्ध है। इसके काटने से गंभीर रक्तस्राव और अंगों को नुकसान हो सकता है, जिससे यह एशिया के सबसे खतरनाक सांपों में से एक बन जाता है। नयागांव शिरोमणी टोला में इसकी मौजूदगी ने बच्चों और बड़ों सभी को सतर्क रहने पर मजबूर कर दिया था।
स्थानीय निवासियों का कहना था कि उन्होंने कई दिनों से सांप को इधर-उधर घूमते देखा था, जिससे उन्हें अपने खेतों में जाने या बच्चों को घर से बाहर भेजने में भी डर लग रहा था। यह स्थिति उनके दैनिक जीवन को बुरी तरह प्रभावित कर रही थी। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें: देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
कैसे हुआ सांप का रेस्क्यू?
सूचना मिलते ही प्रशिक्षित बचाव दल घटनास्थल पर पहुंचा। उन्होंने सावधानीपूर्वक योजना बनाई और सांप को बिना नुकसान पहुंचाए पकड़ने के लिए विशेष उपकरणों का इस्तेमाल किया। यह ऑपरेशन बेहद संवेदनशील था क्योंकि Russell’s Viper आसानी से हमला कर सकता है। बचाव दल की कुशलता और अनुभव के कारण ही यह कार्य सफलतापूर्वक संपन्न हो पाया।
रेस्क्यू के बाद सांप को सुरक्षित स्थान पर छोड़ दिया गया, जहां से वह आबादी वाले इलाकों से दूर रहे। इस घटना ने एक बार फिर वन्यजीवों और मानव बस्तियों के बीच संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता को उजागर किया है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। ऐसे मामलों में तत्काल और पेशेवर मदद लेना ही बुद्धिमानी है।



