भागलपुर ब्यूरो ।ज्ञान की रोशनी फैलाने और नवाचार को बढ़ावा देने का मंच बना सन्हौला। जहाँ शिक्षकों ने अपनी रचनात्मकता का ऐसा जलवा बिखेरा कि हर कोई देखता रह गया।TLM Fair: शिक्षा के मंदिर में सीखने-सिखाने की अद्भुत दुनिया का सृजन हुआ, जिसमें भगवानपुर ने मारी बाजी।
सन्हौला TLM Fair: ज्ञानवर्धक प्रदर्शनियों का संगम
सन्हौला। संकुल संसाधन केंद्र बारी आदर्श इंटरस्तरीय विद्यालय सन्हौला में सोमवार को आयोजित TLM Fair शिक्षकों की रचनात्मकता और नवाचार का जीवंत प्रमाण बन गया। इस मेले का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों द्वारा विकसित शिक्षण अधिगम सामग्री (टीएलएम) को प्रदर्शित करना था, जो बच्चों को रुचिकर तरीके से सीखने में मदद कर सकें।
मेले का भव्य उद्घाटन सीआरसी संचालक अशोक कुमार साह, पूर्व प्राचार्य मु. फिरोज आलम और सुशील कुमार शर्मा ने संयुक्त रूप से फीता काटकर और दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर उन्होंने शिक्षकों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि ऐसी पहल शिक्षा की गुणवत्ता को नई दिशा देती है, आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
संकुल अंतर्गत कुल 11 विद्यालयों के शिक्षकों ने अपनी स्वनिर्मित शैक्षिक सामग्री का प्रदर्शन किया। इन सामग्रियों में गणितीय मॉडल, भाषाई चार्ट, विज्ञान के प्रयोग और सामाजिक विज्ञान से जुड़े अभिनव उपकरण शामिल थे, जो छात्रों को विषयवस्तु को आसानी से समझने में सहायता कर रहे थे।
पुरस्कार विजेताओं ने बढ़ाया गौरव
प्रतियोगिता के परिणाम स्वरूप, मध्य विद्यालय भगवानपुर को प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जबकि उर्दू प्राथमिक विद्यालय पलवा ने द्वितीय और मध्य विद्यालय सन्हौला ने तृतीय पुरस्कार प्राप्त किया। इस आयोजन की सफलता में कई शिक्षकों और अधिकारियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
कार्यक्रम का संचालन शिक्षक ऋषि कुमार चौधरी और मनीष कुमार सिंह ने बखूबी किया। निर्णायक मंडल में शिक्षिका कुमारी सुप्रिया, मु. खालिद जफर और मानसी गौतम ने निष्पक्षता से अपना दायित्व निभाया। इस तरह के आयोजनों से न केवल शिक्षकों को नई शैक्षिक सामग्री बनाने की प्रेरणा मिलती है, बल्कि इससे छात्रों के सीखने की प्रक्रिया भी अधिक प्रभावी बनती है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
इस पूरे कार्यक्रम को सफल बनाने में शिक्षक मु. जमशेद आलम, अबरार आलम, देवानंद सिंह, मुकेश कुमार के साथ-साथ अन्य शिक्षक-शिक्षिकाओं की अहम भूमिका रही। यह मेला शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार और उत्कृष्टता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।






