सियासत की बिसात पर मोहरों की चाल कभी थमती नहीं, खासकर जब सत्ता की नई कुर्सी की बारी हो। बिहार के राजनीतिक गलियारों में एक बार फिर चहलकदमी तेज है, क्योंकि कुछ खाली सीटों पर नए दावेदारों की नजरें हैं।
बिहार राज्यसभा चुनाव: बिहार में भले ही विधानसभा चुनाव संपन्न हो गए हों, लेकिन राजनीतिक दांवपेंच का सिलसिला अभी भी जारी है। इसका बड़ा कारण यह है कि मार्च के बाद राज्यसभा की पांच सीटें खाली हो रही हैं, और इन पर सबकी अपनी-अपनी दावेदारी है। इन पांच खाली सीटों में राजद कोटे से दो, जदयू कोटे से भी दो, और एक भाजपा कोटे से थी। वर्तमान स्थिति देखें तो अब भाजपा और जदयू को दो-दो सीटें आसानी से मिल सकती हैं, जबकि एक सीट पर चुनाव की संभावना है। हालांकि, वह सीट शायद ही राजद के खाते में जाएगी।
बिहार राज्यसभा चुनाव: भाजपा के संभावित उम्मीदवार और दांव पर लगे नाम
इन सबके बीच आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। बिहार में अलग-अलग नामों की चर्चाएं तेज हो गई हैं। माना जा रहा है कि भाजपा कोटे से उपेंद्र कुशवाहा, जो पहले राज्यसभा सदस्य थे, उन्हें अब पार्टी फिर से राज्यसभा सदस्य बनाने के पक्ष में नहीं है। सूत्रों के अनुसार, बीजेपी नितिन नवीन और पवन सिंह पर दांव लगा सकती है। नितिन नवीन को हाल ही में भाजपा ने कार्यकारी अध्यक्ष बनाया है। ऐसे में नितिन नवीन का दिल्ली में सक्रिय रहना महत्वपूर्ण है, इसलिए उन्हें राज्यसभा के रास्ते दिल्ली लाया जा सकता है। दूसरी ओर, पवन सिंह को भाजपा उनकी मेहनत का इनाम देना चाहती है। पवन सिंह ने बिहार चुनाव में जबरदस्त मेहनत की थी और वे लगातार सदस्य बनना चाहते हैं। ऐसे में उन्हें राज्यसभा भेजा जा सकता है।
जदयू की रणनीति और एक सीट पर सियासी घमासान
जदयू कोटे से वर्तमान में जो दो सदस्य हैं, नीतीश कुमार उन पर फिर से भरोसा जता सकते हैं। इसका बड़ा कारण यह है कि हरिवंश अभी राज्यसभा के उपसभापति हैं, वहीं रामनाथ ठाकुर केंद्र में राज्य मंत्री हैं। ऐसे में शायद ही नीतीश कुमार इन दोनों चेहरों के अलावा किसी अन्य पर इस वक्त दांव लगाएंगे। इस बीच, एक सीट को लेकर अब सियासी तापमान बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है। चिराग पासवान की मां का नाम सबसे ज्यादा चर्चाओं में है। हालांकि, उसके लिए विधायकों का जुगाड़ करना पड़ सकता है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। इसके अलावा, उस सीट पर उपेंद्र कुशवाहा भी अपनी दिलचस्पी दिखा सकते हैं, हालांकि उनके पास सिर्फ चार विधायक हैं, जबकि चिराग के पास 19 विधायक हैं। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
वहीं, केंद्रीय मंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के संरक्षक जीतन राम मांझी ने आगामी राज्यसभा चुनावों में सीट की मांग करके बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है। मांझी ने आरोप लगाया है कि भाजपा ने लोकसभा चुनावों के दौरान राज्यसभा सीट का वादा किया था, लेकिन उसे पूरा नहीं किया। मांझी हम के एकमात्र लोकसभा सदस्य हैं, हालांकि पार्टी ने हाल ही में संपन्न बिहार विधानसभा चुनावों में पांच सीटें जीती थीं। मांझी के बेटे और हम अध्यक्ष संतोष कुमार सुमन नीतीश कुमार मंत्रिमंडल में मंत्री हैं। उन्होंने अपने बेटे से भाजपा के पूर्व वादे को निभाने और पार्टी की बेईमानी से निराश न होने का आग्रह किया। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।





