Child Labor Rescue: बचपन की दहलीज पर जब शोषण का साया मंडराता है, तब हर उम्मीद दम तोड़ने लगती है। भारत-नेपाल सीमा पर एक ऐसी ही काली परछाई को हटाते हुए एक नाबालिग को बाल मजदूरी के जंजीरों से मुक्त कराया गया है। यह घटना सोमवार को सामने आई, जिसने सीमावर्ती क्षेत्रों में व्याप्त बाल शोषण की भयावह सच्चाई को फिर उजागर किया है।
Child Labor Rescue: सीमा पर बाल मजदूरी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई
नेपाल से सटे सीमाई इलाके में बाल मजदूरी एक गंभीर समस्या बनी हुई है। मानव तस्करी के जरिये बच्चों को बहला-फुसलाकर या अगवा कर भारत लाया जाता है, जहाँ उनसे कठिन और अमानवीय परिस्थितियों में काम कराया जाता है, आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। सोमवार को सुरक्षा बलों और स्थानीय प्रशासन की संयुक्त कार्रवाई में एक नाबालिग लड़के को बाल मजदूरी के चंगुल से बचाया गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार, खुफिया इनपुट के आधार पर सीमा सुरक्षा बल (SSB) और स्थानीय पुलिस ने एक विशेष अभियान चलाया। इस दौरान एक सुनसान जगह पर कुछ बच्चों से जबरन मजदूरी कराई जा रही थी। टीम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए नाबालिग को सुरक्षित बाहर निकाला।
बच्चे को प्राथमिक जांच के बाद बाल कल्याण समिति (CWC) के सुपुर्द कर दिया गया है। समिति अब बच्चे के परिवार का पता लगाने और उसे पुनर्वासित करने की दिशा में काम करेगी। यह घटना दर्शाती है कि सीमावर्ती क्षेत्रों में मानव तस्करी और बाल श्रम के रैकेट अभी भी सक्रिय हैं, जिन्हें खत्म करने के लिए निरंतर प्रयासों की आवश्यकता है। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
बचपन बचाने की चुनौती और भविष्य की राह
यह सिर्फ एक नाबालिग को बचाने का मामला नहीं, बल्कि समाज के उस अंधेरे पहलू पर प्रकाश डालता है जहाँ मासूम बचपन को रौंदा जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि ऐसे अभियानों को और तेज़ किया जाएगा ताकि कोई भी बच्चा शोषण का शिकार न हो। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। इस मुहिम में स्थानीय लोगों का सहयोग भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे ऐसे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तत्काल दें, जिससे इन बच्चों का भविष्य बचाया जा सके। बाल मजदूरी के खिलाफ चल रही यह लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक हर बच्चा अपने हक का बचपन नहीं पा लेता।






