back to top
⮜ शहर चुनें
दिसम्बर, 23, 2025

नवादा की नन्ही रिया ने ल्यूकेमिया उपचार से जीती जंग: डॉक्टरों ने लौटाई ज़िंदगी की मुस्कान

spot_img
spot_img
- Advertisement - Advertisement

Leukemia Treatment: ज़िंदगी और मौत के बीच झूलती मासूम रिया की साँसों में जैसे नई जान फूँक दी गई हो। नवादा के प्रतापपुर की 5 साल की रिया भारती ने एक दुर्लभ बीमारी, एक्यूट लिम्फोब्लास्टिक ल्यूकेमिया, को हराकर एक अविश्वसनीय वापसी की है, जो चिकित्सा विज्ञान के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण बन गई है।

- Advertisement - Advertisement

नवादा की नन्ही रिया ने ल्यूकेमिया उपचार से जीती जंग: डॉक्टरों ने लौटाई ज़िंदगी की मुस्कान

नवादा के प्रतापपुर गाँव की रहने वाली पाँच वर्षीय रिया भारती ने अपनी असाधारण दृढ़ता और आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के दम पर एक्यूट लिम्फोब्लास्टिक ल्यूकेमिया जैसी घातक बीमारी को मात दी है। यह कहानी न केवल रिया के साहस की है, बल्कि उन चिकित्सकों की भी है जिन्होंने उसे जीवन का दूसरा मौका दिया।

- Advertisement - Advertisement

ल्यूकेमिया उपचार: समय पर पहचान, सफल इलाज

रिया के परिजनों ने समय रहते उसकी बिगड़ती तबीयत पर ध्यान दिया और सही चिकित्सा सहायता की तलाश शुरू की। यह उनकी जागरूकता का ही परिणाम था कि रिया को सही समय पर सही इलाज मिल सका। नारायणा कैंसर सेंटर और पारस एचएमआरआई के अनुभवी ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. अभिषेक आनंद और उनकी समर्पित टीम ने रिया के इलाज की जिम्मेदारी संभाली।

- Advertisement -
यह भी पढ़ें:  Bihar Weather: बिहार में सर्दी का सितम जारी, 26 जिलों में 'कोल्ड डे' अलर्ट, जानें अपने शहर का हाल

रिया का इलाज कोई आसान सफर नहीं था। पूरे नौ महीनों तक, उसे निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार कीमोथेरेपी के कई दौर से गुजरना पड़ा। यह समय न केवल रिया के लिए, बल्कि उसके पूरे परिवार के लिए भी भावनात्मक और शारीरिक रूप से चुनौतीपूर्ण था। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। लेकिन डॉक्टरों की निरंतर निगरानी, परिवार के अटूट समर्थन और रिया की अपनी जीवटता ने मिलकर इसे संभव बनाया। डॉ. आनंद की टीम ने सुनिश्चित किया कि रिया को मिलने वाले हर उपचार का सीधा लक्ष्य उसे इस बीमारी से पूरी तरह मुक्त करना हो।

यह मामला इस बात का भी प्रमाण है कि बाल कैंसर से मुक्ति संभव है, यदि बीमारी की पहचान समय रहते हो जाए और उचित उपचार बिना किसी देरी के शुरू कर दिया जाए। डॉक्टर आनंद ने बताया कि “एक्यूट लिम्फोब्लास्टिक ल्यूकेमिया बच्चों में होने वाला एक आम कैंसर है, लेकिन इसकी पहचान जितनी जल्दी हो, सफल इलाज की संभावना उतनी ही अधिक होती है।”

आज रिया भारती पूरी तरह स्वस्थ है और अपने बचपन को फिर से जी रही है। उसकी मुस्कान यह बताती है कि कैसे सही समय पर किया गया चिकित्सा हस्तक्षेप जीवन बचा सकता है और उम्मीद की एक नई किरण जगा सकता है। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें यह घटना कई परिवारों के लिए एक प्रेरणा है जो ऐसी ही परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं।

बिहार में चिकित्सा सुविधाओं का बढ़ता स्तर

रिया की यह सफल कहानी बिहार में बढ़ती स्वास्थ्य सुविधाओं और कैंसर उपचार के क्षेत्र में हो रही प्रगति का भी एक प्रमाण है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। अब बिहार के स्थानीय अस्पतालों में भी गंभीर बीमारियों का उच्च-स्तरीय इलाज संभव हो पा रहा है, जिससे मरीजों को इलाज के लिए बड़े शहरों की ओर पलाही करने की जरूरत कम हो गई है। यह उपलब्धि चिकित्सा पेशेवरों की कड़ी मेहनत और आधुनिक तकनीकों के सही उपयोग का परिणाम है।

यह भी पढ़ें:  Rahul Gandhi's Remarks: राहुल गांधी के बयान पर गरमाई सियासत, जदयू ने कांग्रेस को घेरा

यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि आम जनता को ऐसे मामलों के प्रति जागरूक किया जाए जहाँ समय पर हस्तक्षेप से जीवन बचाया जा सकता है और बाल कैंसर से मुक्ति संभव है। सरकार और स्वास्थ्य संगठनों को चाहिए कि वे बाल स्वास्थ्य, विशेषकर बाल कैंसर के शुरुआती लक्षणों और उपचार विकल्पों के बारे में जानकारी का प्रसार करें। यह एक साझा प्रयास है जो अधिक बच्चों को रिया की तरह एक स्वस्थ और खुशहाल जीवन जीने का मौका दे सकता है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।

- Advertisement -

जरूर पढ़ें

बिहार एजुकेशन न्यूज़: किशनगंज और दरभंगा अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालयों में एडमिशन शुरू, ऐसे करें आवेदन

Bihar Education News: बिहार में शिक्षा के सुनहरे द्वार एक बार फिर खुल गए...

Stock Market: क्यों थमी भारतीय शेयर बाजार की तेजी? जानें निवेशकों की अगली चाल

Stock Market: भारतीय शेयर बाजार में पिछले दो कारोबारी सत्रों की तेजी पर मंगलवार...

मलेशिया रिंगिट को INR में बदलें: जानिए मलेशिया में पढ़ाई और कमाई का पूरा गणित

Malaysia Ringgit to INR: विदेशी मुद्रा विनिमय दरों को समझना और उनका सही उपयोग...

बिहार में Family Dispute: मानी गांव में चचेरे भाई को मारी गोली, हालत गंभीर

Family Dispute: रिश्तों की कड़वाहट जब खून-खराबे में बदल जाती है, तो ऐसी ही...
error: कॉपी नहीं, शेयर करें