Childhood Leukemia: मौत के मुहाने से वापस लौटी नन्हीं रिया, जिसने कैंसर को हराकर एक नई मिसाल कायम की है। डॉक्टरों की टीम और परिवार के अटूट विश्वास ने उसे जीवन का नया सवेरा दिखाया।
नवादा में Childhood Leukemia को मात देकर 5 साल की रिया ने जीती जिंदगी की जंग
Childhood Leukemia: कैसे मिली रिया को नई जिंदगी?
मौत और जिंदगी के बीच झूल रही एक 5 वर्षीय बच्ची ने कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी को हराकर साबित कर दिया कि हौसले बुलंद हों तो हर मुश्किल पार की जा सकती है। नवादा जिले के प्रतापपुर की रहने वाली रिया भारती, एक्यूट लिम्फोब्लास्टिक ल्यूकेमिया (ALL) से पीड़ित थी, लेकिन अब वह पूरी तरह स्वस्थ होकर अपने घर लौट चुकी है। यह कहानी न केवल चिकित्सा विज्ञान की सफलता है, बल्कि एक परिवार के दृढ़ संकल्प और डॉक्टरों की अथक मेहनत का भी परिणाम है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
डॉ. अभिषेक आनंद और उनकी टीम ने नारायणा कैंसर सेंटर व पारस एचएमआरआई में रिया का नौ महीने तक गहन उपचार किया। निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार कीमोथेरेपी के जरिए रिया को इस गंभीर बीमारी से बाहर निकाला गया। डॉक्टरों के अनुसार, समय पर जांच और उपचार ही रिया के पूर्ण स्वस्थ होने का मुख्य कारण रहा। यह नवादा हेल्थ न्यूज़ पूरे बिहार के लिए एक प्रेरणा है। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
चिकित्सा जगत के लिए मिसाल बनी रिया की रिकवरी
रिया के माता-पिता ने बताया कि जब उन्हें अपनी बच्ची की बीमारी का पता चला तो वे पूरी तरह टूट गए थे, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें ढांढस बंधाया और सही इलाज का आश्वासन दिया। नौ महीने का यह सफर आसान नहीं था, कई बार चुनौतियां आईं, लेकिन डॉ. अभिषेक आनंद और उनकी टीम ने हर कदम पर उनका मार्गदर्शन किया। रिया ने भी इलाज के दौरान असाधारण साहस दिखाया, जो उसकी उम्र के बच्चों में कम ही देखने को मिलता है। इस सफल उपचार से यह संदेश जाता है कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का भी सही समय पर पता चलने और उचित इलाज मिलने पर इलाज संभव है। यह घटना कई परिवारों के लिए आशा की किरण है जो इसी तरह की परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। बिहार के कई हिस्सों में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर जागरूकता बढ़ रही है, और नवादा हेल्थ न्यूज़ में यह एक सकारात्मक पहल है।

