Neem Ped Ki Puja: सनातन धर्म में प्रकृति और वृक्षों को देवतुल्य माना गया है। इन पूजनीय वृक्षों में नीम का वृक्ष भी अपना विशेष स्थान रखता है, जिसकी पूजा-अर्चना का विधान है। जहां एक ओर नीम का पेड़ अपने औषधीय गुणों के लिए विख्यात है, वहीं दूसरी ओर इसका धार्मिक महत्व भी अत्यंत गहरा है। विशेषकर मंगलवार के दिन नीम के इस पवित्र देव वृक्ष की पूजा का संबंध भगवान हनुमान से जुड़ता है, जिससे साधक को उनकी असीम कृपा प्राप्त होती है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। नीम के पत्ते, छाल और फल सभी मानव शरीर के लिए अनेक प्रकार से लाभकारी सिद्ध होते हैं, लेकिन इसकी आध्यात्मिक ऊर्जा व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकती है।
नीम पेड़ की पूजा का महत्व और हनुमान कृपा
शास्त्रों के अनुसार, मंगलवार का दिन पवनपुत्र हनुमान को समर्पित है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन यदि श्रद्धापूर्वक नीम के वृक्ष की पूजा की जाए, तो हनुमान जी प्रसन्न होते हैं और भक्तों के सभी संकट हर लेते हैं। नीम का पेड़ मंगल ग्रह से संबंधित भी माना जाता है। इस दिव्य देव वृक्ष की पूजा से मंगल दोष के प्रभाव को कम किया जा सकता है और जीवन में सुख-शांति लाई जा सकती है। यह वृक्ष नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर घर में सकारात्मकता का संचार करता है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नीम के पत्तों का प्रयोग कई शुभ अनुष्ठानों में भी किया जाता है। नीम के पेड़ की विधिवत पूजा से न केवल शारीरिक व्याधियां दूर होती हैं, बल्कि मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति भी प्राप्त होती है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
मंगलवार के दिन सुबह स्नान आदि से निवृत्त होकर नीम के पेड़ के नीचे जाकर जल अर्पित करें। इसके बाद धूप-दीप जलाकर भगवान हनुमान का ध्यान करें और नीम के पेड़ की परिक्रमा करें। आप हनुमान चालीसा का पाठ भी कर सकते हैं। यह उपाय आपके जीवन में सुख, समृद्धि और आरोग्य प्रदान करेगा। हनुमान जी की कृपा से आपके सभी कार्य निर्विघ्न संपन्न होंगे। धर्म, व्रत और त्योहारों की संपूर्ण जानकारी के लिए यहां क्लिक करें: धर्म, व्रत और त्योहारों की संपूर्ण जानकारी के लिए यहां क्लिक करें।






