Bihar Land Bank: बिहार की धरती पर अब तरक्की के नए बीज बोए जाएंगे, जहां खाली पड़ी ज़मीनें उद्योगों की बुनियाद बनेंगी और रोजगार के अवसर पैदा करेंगी।
बिहार लैंड बैंक: खाली ज़मीन पर उद्योगों का महासंग्राम, विकास को मिलेगी नई रफ्तार
बिहार लैंड बैंक: खाली पड़े भूखंडों पर उद्योगों का खाका
बिहार सरकार राज्य में उद्योग और विकास कार्यों को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वाकांक्षी ‘लैंड बैंक’ का निर्माण कर रही है। इस पहल के तहत, राज्य भर में मौजूद खाली पड़ी और अवैध रूप से अतिक्रमित सरकारी जमीनों की पहचान की जाएगी। इसके बाद इन जमीनों से अतिक्रमण हटाकर उन्हें खाली कराया जाएगा, ताकि इनका सदुपयोग हो सके। यह लैंड बैंक बिहार के औद्योगिक विकास को गति देगा।
इन खाली कराई गई जमीनों को विभिन्न विकास परियोजनाओं के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। इनमें नए उद्योग स्थापित करने, सड़क निर्माण, स्कूल, अस्पताल जैसी सामाजिक और आधारभूत संरचनाओं का विकास शामिल है। सरकार का मानना है कि इस कदम से राज्य में निवेश आकर्षित होगा और बड़े पैमाने पर नए रोजगार के अवसर सृजित होंगे। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
यह योजना राज्य की आर्थिक प्रगति के लिए मील का पत्थर साबित हो सकती है। लैंड बैंक के जरिए निवेशकों को आसानी से जमीन उपलब्ध हो सकेगी, जिससे परियोजनाएं शुरू करने में लगने वाला समय कम होगा और औद्योगिक विकास की प्रक्रिया तेज होगी।
निवेश और रोजगार के द्वार
सरकार की यह पहल न केवल औद्योगिक परिदृश्य को बदलेगी बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देगी। भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित होने से छोटे और मझोले उद्योगों को भी अपना विस्तार करने का मौका मिलेगा, जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार बढ़ेगा। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
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यह कदम बिहार को एक प्रमुख औद्योगिक हब के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश में निवेश का माहौल तैयार किया जाए ताकि राज्य के युवाओं को अपने ही गृह राज्य में बेहतर रोजगार के अवसर मिल सकें। यह सुनिश्चित करना भी महत्वपूर्ण है कि भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष हो, ताकि किसी भी तरह के विवाद से बचा जा सके। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। यह पहल बिहार के समग्र विकास में एक नया अध्याय जोड़ेगी, जहां खाली पड़ी जमीनें अब समृद्धि का आधार बनेंगी।
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