Sexual Harassment Prevention: कार्यस्थल पर सम्मान और सुरक्षा हर किसी का मौलिक अधिकार है, मगर जब इस पर आंच आती है तो न्याय की आवाज़ बुलंद करना ज़रूरी हो जाता है। इसी कड़ी में, एक महत्वपूर्ण पहल की गई है।
सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज में ‘Sexual Harassment Prevention’ पर हुई ख़ास कार्यशाला, जानिए क्या सीख मिली
Sexual Harassment Prevention: सुरक्षित कार्यस्थल की दिशा में कदम
राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालय में हाल ही में एक महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम और इससे जुड़े कानूनी पहलुओं के बारे में जागरूकता बढ़ाना था। कॉलेज परिसर में आयोजित इस सत्र में संकाय सदस्यों और कर्मचारियों ने हिस्सा लिया, जहाँ उन्हें कार्यस्थल सुरक्षा सुनिश्चित करने के विभिन्न उपायों से अवगत कराया गया। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। यह पहल न केवल कर्मचारियों को उनके अधिकारों के प्रति सचेत करती है, बल्कि एक सम्मानजनक और सुरक्षित माहौल बनाने में भी सहायक सिद्ध होती है।
कार्यशाला के दौरान विशेषज्ञों ने लैंगिक उत्पीड़न की परिभाषा, इसके विभिन्न रूप और शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कैसे आंतरिक शिकायत समिति (ICC) ऐसे मामलों को गंभीरता से लेती है और निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करती है। प्रतिभागियों को यह भी समझाया गया कि किसी भी तरह के अनुचित व्यवहार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और तुरंत उसकी रिपोर्ट करना आवश्यक है। कार्यस्थल सुरक्षा के लिए यह समझना महत्वपूर्ण है कि प्रत्येक व्यक्ति का योगदान कितना मायने रखता है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। इस तरह की कार्यशालाएं शैक्षिक संस्थानों में बेहद आवश्यक हैं, जहाँ युवा अपना भविष्य गढ़ते हैं। उन्हें ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर सही जानकारी मिलना बेहद ज़रूरी है ताकि वे एक ज़िम्मेदार नागरिक के तौर पर अपने अधिकारों और कर्तव्यों को समझ सकें। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें: देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
जागरूकता से ही रुकेगा उत्पीड़न
कार्यशाला में दिए गए सुझावों में प्रभावी संचार, आपसी सम्मान और सशक्तिकरण पर ज़ोर दिया गया। यह भी बताया गया कि लैंगिक समानता और सम्मान का माहौल बनाने के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। इस पहल से उम्मीद है कि महाविद्यालय में एक ऐसा वातावरण स्थापित होगा जहाँ हर कोई बिना किसी डर या पक्षपात के अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर पाएगा। यह कार्यशाला सिर्फ एक शुरुआत है, वास्तविक परिवर्तन तब आएगा जब इन सिद्धांतों को दैनिक जीवन में अपनाया जाएगा।



