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दिसम्बर, 23, 2025

Exam Preparation Tips: परीक्षाओं की तैयारी में तनाव को कहें अलविदा, इन तरीकों से पाएं सफलता

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Exam Preparation Tips: देशभर में परीक्षा का मौसम आते ही लाखों विद्यार्थियों के मन में डर और तनाव घर करने लगता है। यह घबराहट सामान्य है, लेकिन सही रणनीति और शांत मन से पढ़ाई करके इसे आसानी से दूर किया जा सकता है, जिससे आप बेहतर परिणाम प्राप्त कर सकें।

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Exam Preparation Tips: परीक्षाओं की तैयारी में तनाव को कहें अलविदा, इन तरीकों से पाएं सफलता

Exam Preparation Tips: ऐसे करें परीक्षा की तैयारी, ताकि न हो कोई तनाव

विशेषज्ञों का कहना है कि पढ़ाई को तनाव की बजाय सही योजना और शांत मन से किया जाए, तो नतीजे बेहतर आते हैं और आत्मविश्वास भी बढ़ता है। एक्सपर्ट्स के अनुसार परीक्षा के समय सबसे जरूरी है ओवरथिंकिंग से बचना। बार-बार यह सोचना कि क्या होगा, नंबर आएंगे या नहीं, दूसरों से तुलना करना ये सब बातें पढ़ाई पर नकारात्मक असर डालती हैं। छात्रों को चाहिए कि वे केवल अपने विषयों पर ध्यान दें और रोज के लक्ष्य तय करके पढ़ाई करें। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।

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परीक्षा की तैयारी में नींद की भूमिका बहुत अहम होती है। क्लिनिकल मनोचिकित्सक रिंकी लाकड़ा बताती हैं कि विद्यार्थियों को रोजाना 6 से 8 घंटे की पूरी नींद जरूर लेनी चाहिए। देर रात तक जागकर पढ़ने की आदत से बचना चाहिए। इसके साथ ही सोने और उठने का समय तय करना जरूरी है, ताकि शरीर और दिमाग दोनों संतुलन में रहें और पढ़ाई के लिए जरूरी ऊर्जा बनी रहे।

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आज के समय में मोबाइल सबसे बड़ी परेशानी बन चुका है। परीक्षा की तैयारी के दौरान मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल ध्यान भटकाता है। छात्रों को स्क्रीन टाइम कम करना चाहिए और पढ़ाई के लिए मोबाइल की जगह किताबों को प्राथमिकता देनी चाहिए। सोशल मीडिया और गेम्स से दूरी बनाना पढ़ाई में फोकस बढ़ाता है और आपकी स्टडी टिप्स को और भी प्रभावी बनाता है।

माता-पिता और शिक्षकों की सकारात्मक भूमिका

रिंकी लाकड़ा ने बताया कि परीक्षा के समय बच्चों पर माता-पिता और शिक्षकों का व्यवहार बहुत मायने रखता है। विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों पर ज्यादा दबाव डालने से उनका मनोबल कमजोर होता है। माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों का हौसला बढ़ाएं, उनसे खुलकर बात करें और उन्हें यह भरोसा दिलाएं कि परीक्षा ही सब कुछ नहीं है। वे हमेशा उनके साथ हैं। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।

हर बच्चा अलग होता है और उसकी क्षमता भी अलग होती है। दूसरे बच्चों से तुलना करना तनाव बढ़ाता है। छात्रों को चाहिए कि वे अपनी पढ़ाई को अपनी गति से करें। सभी विषयों को एक तय रूटीन में बांटकर पढ़ें और नियमित अभ्यास करें। लेटेस्ट एजुकेशन और जॉब अपडेट्स के लिए यहां क्लिक करें

अगर किसी विषय या टॉपिक को समझने में दिक्कत हो, तो चुप रहने की बजाय शिक्षक, माता-पिता या दोस्तों से मदद लेनी चाहिए। सवाल पूछना कमजोरी नहीं, बल्कि समझदारी की निशानी है। समय रहते शंका दूर करने से आत्मविश्वास बढ़ता है। परीक्षा के समय भावनात्मक उतार-चढ़ाव आना सामान्य है। डर, घबराहट या उदासी महसूस होना गलत नहीं, लेकिन इन्हें सही तरीके से संभालना जरूरी है। मन की बात किसी भरोसेमंद व्यक्ति से साझा करना तनाव कम करता है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।

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