Sitamarhi News: जैसे ही घुंघरुओं की झंकार ने माता सीता की पौराणिक गाथा कहनी शुरू की, सीतामढ़ी स्थित पुनौरा धाम का कण-कण भक्ति और कला के रस में सराबोर हो गया। यह अवसर था अंतर्राष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन का, जहां एक कलाकार को उसकी वर्षों की साधना का प्रतिफल ‘मिथिला रत्न’ के रूप में मिला।
Sitamarhi News: कला और आध्यात्म का अनूठा संगम
माता सीता की प्राकट्य स्थली पुनौरा धाम में आयोजित इस भव्य कार्यक्रम में ‘नर्तन सम्राट’ के नाम से विख्यात श्री मोहित खंडेलवाल को मिथिला रत्न से सम्मानित किया गया। यह प्रतिष्ठित सम्मान उन्हें श्री बैजनाथ चौधरी एवं कमलाकांत झा के कर-कमलों द्वारा प्रदान किया गया। इस अवसर पर मोहित खंडेलवाल ने माता सीता के जीवन पर आधारित एक मंत्रमुग्ध कर देने वाली नृत्य नाटिका प्रस्तुत की। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। उनकी प्रस्तुति इतनी जीवंत थी कि उपस्थित दर्शक भावविभोर हो गए और पूरा पंडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।
कलाकार की हर भाव-भंगिमा पर लोगों ने ‘सियापति रामचंद्र की जय’ के नारे लगाकर उनका उत्साहवर्धन किया। यह केवल एक नृत्य प्रदर्शन नहीं, बल्कि कला के माध्यम से आध्यात्म की एक गहरी अनुभूति थी।
सांस्कृतिक विरासत को मिला सम्मान
यह अंतर्राष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन मिथिला की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित और प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। मोहित खंडेलवाल जैसे कलाकारों को सम्मानित करना न केवल उनकी कला को सम्मान देना है, बल्कि युवा पीढ़ी को अपनी संस्कृति से जुड़ने के लिए प्रेरित करना भी है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। इस तरह के आयोजन मिथिला की कला और साहित्य को एक वैश्विक मंच प्रदान करते हैं।
कार्यक्रम के आयोजकों ने मिथिला की संस्कृति के प्रचार-प्रसार में ऐसे और भी आयोजन करने की प्रतिबद्धता जताई। यह शाम कला, संस्कृति और सम्मान के एक यादगार उत्सव के रूप में संपन्न हुई। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें: https://deshajtimes.com/news/national/



