गोवा नाइटक्लब फायर: नियति का क्रूर मजाक था या घोर लापरवाही का नतीजा, गोवा के नाइटक्लब में लगी आग ने कई जिंदगियां लील ली थीं। अब इस मामले में कानूनी दांव-पेच जारी हैं।
गोवा नाइटक्लब फायर: क्या हुआ था उस काली रात?
गोवा नाइटक्लब फायर: उत्तरी गोवा के अरपोरा गांव स्थित ‘बर्च बाई रोमियो लेन’ नाइटक्लब में लगी भीषण आग के मामले में दो प्रबंधकों को मंगलवार को अदालत से बड़ी राहत मिली। इस महीने की शुरुआत में हुई इस हृदय विदारक घटना में 25 लोगों की मौत हो गई थी।
जिला न्यायाधीश डी.वी. पाटकर ने क्लब के प्रबंधक राजवीर सिंघानिया और प्रियांशु ठाकुर को कुछ शर्तों के साथ जमानत प्रदान की। हालांकि, इसी मामले में तीसरे प्रबंधक विवेक सिंह की जमानत अर्जी खारिज कर दी गई है।
इन तीनों को 7 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया था, यानी उस भयावह अग्निकांड के ठीक एक दिन बाद, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
सिंघानिया (बार मैनेजर) और ठाकुर (गेट मैनेजर) की पैरवी कर रहे अधिवक्ता विनायक परब ने बताया कि जमानत देते समय अदालत ने स्पष्ट किया कि आवेदक मामले से जुड़े किसी भी गवाह को कोई प्रलोभन या धमकी नहीं देंगे। इसके साथ ही, अदालत ने दोनों पर भारत छोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है, जब तक कि उसे पूर्व अनुमति न मिल जाए।
परब के अनुसार, अदालत ने निर्देश दिया कि आरोपी जब भी जांच अधिकारी (आईओ) द्वारा पूछताछ के लिए आवश्यकता होगी, उपलब्ध रहेंगे और चल रही जांच में पूरा सहयोग करेंगे।
इस मामले में नाइटक्लब प्रबंधक जमानत मिलने के बाद जांच की दिशा और तेज हो सकती है। जमानत आदेश में यह भी कहा गया है कि, “आवेदकों को आरोप पत्र/अंतिम रिपोर्ट दाखिल होने तक, महीने में एक बार जांच अधिकारी या अंजुना पुलिस थाने के मुख्य जांच अधिकारी के समक्ष पेश होना होगा।”
6 दिसंबर को अरपोरा के रोमियो लेन स्थित ‘बर्च बाई रोमियो लेन’ नाइटक्लब में लगी आग ने जो तबाही मचाई थी, उसमें 25 बेगुनाह लोग असमय काल के गाल में समा गए थे।
इस पूरे प्रकरण में अब तक आठ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें क्लब के दो सह-मालिक, गौरव लूथरा और उनके भाई सौरभ भी शामिल हैं, जिन्हें थाईलैंड से भारत वापस लाया गया था। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
अग्निकांड की जांच और आगे की कार्रवाई
इस मामले में पुलिस गहनता से जांच कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस भीषण अग्निकांड के पीछे की मुख्य वजह क्या थी और किसकी लापरवाही के कारण इतनी बड़ी संख्या में लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। जमानत मिलने के बाद भी जांच अधिकारियों का काम जारी रहेगा और सभी पहलुओं की पड़ताल की जाएगी ताकि पीड़ितों को न्याय मिल सके।




