Jammu Kashmir Security: घाटी का हर कोना आज एक त्रिकोण में उलझा है – सुरक्षा, साजिश और सख्ती। बीते चौबीस घंटों की घटनाएं स्पष्ट करती हैं कि आतंकवाद के खिलाफ यह लड़ाई अब कई मोर्चों पर लड़ी जा रही है।
Jammu Kashmir Security: घाटी में तनाव बरकरार, आतंक के खिलाफ ‘त्रिकोणीय’ लड़ाई तेज
Jammu Kashmir Security: सैन्य कैंप से लेकर सीमा तक नई चुनौतियाँ
जम्मू-कश्मीर के सांबा जिले में एक सैन्य शिविर के भीतर हुई गोलीबारी में सेना के एक जूनियर कमीशंड ऑफिसर (JCO) की मौत हो गई। यह घटना मंगलवार देर रात की है, जब JCO ड्यूटी पर तैनात थे। रक्षा विभाग ने हालांकि आतंकी साजिश से इनकार किया है, लेकिन सैन्य कैंप के भीतर गोली चलना अपने आप में एक गंभीर मामला है और आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। जांच एजेंसियां हर पहलू को खंगाल रही हैं।
दूसरी ओर, उत्तरी कश्मीर में पाकिस्तान की प्रतीकात्मक और मनोवैज्ञानिक चालें एक बार फिर उजागर हुई हैं। कुपवाड़ा जिले के हंदवाड़ा क्षेत्र के नौगाम में एक बगीचे के पेड़ पर ‘पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस’ लिखा एक गुब्बारा मिला। वहीं, बारामूला के खादिनयार इलाके में कई गुब्बारों से बंधा एक पाकिस्तानी झंडा बरामद किया गया। ये दोनों इलाके नियंत्रण रेखा के बेहद करीब हैं, जो इस ओर इशारा करता है कि ये हरकतें सीमा पार से हो रही हैं। यह घटना बताती है कि दुश्मन अब भी हर रास्ते से दखल देने की फिराक में है और सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहा है।
इसी साजिश का एक और खतरनाक चेहरा कठुआ में सामने आया, जहां ड्रोन के जरिए गिराई गई हेरोइन के मुख्य प्राप्तकर्ता को पुलिस ने गिरफ्तार किया। आरोपी सिराज दीन उर्फ सरजू पर आरोप है कि वह पाकिस्तान से भेजे गए ड्रोन खेप का अहम कड़ी था। हीरानगर के सीमावर्ती गांव छन टांडा में चार सौ ग्राम से अधिक नशीले पदार्थों की बरामदगी पहले ही हो चुकी थी। यह मामला सिर्फ तस्करी का नहीं, बल्कि आतंक को फंडिंग देने की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है। ड्रोन अब सिर्फ हथियार या निगरानी के लिए नहीं, बल्कि नशे के कारोबार का सबसे खतरनाक जरिया बन चुका है, जिससे सीमा पार आतंकवाद को सीधे तौर पर मदद मिलती है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
इन सबके बीच न्यायपालिका ने भी आतंक समर्थकों पर करारा वार किया है। जम्मू-कश्मीर की विशेष एनआईए अदालत ने अमेरिका में बैठे कश्मीरी लॉबिस्ट गुलाम नबी फई की संपत्ति कुर्क करने का आदेश दिया है। बड़गाम जिले के दो गांवों में मौजूद उसकी जमीन को तत्काल जब्त करने के निर्देश दिए गए हैं। अदालत ने साफ कहा कि आरोपी जानबूझकर खुद को छिपा रहा है और कानूनी प्रक्रिया से भाग रहा है। गुलाम नबी फई पर प्रतिबंधित संगठनों का समर्थन करने और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के लिए काम करने के गंभीर आरोप हैं। यह कार्रवाई उस नेटवर्क पर सीधा प्रहार है, जो विदेशों में बैठकर कश्मीर के नाम पर दुष्प्रचार और फंडिंग का खेल खेलता रहा है। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
सुरक्षा बलों की चौकसी और भविष्य की रणनीति
उधर, सुरक्षा एजेंसियां भी किसी ढिलाई के मूड में नहीं हैं। श्रीनगर और अनंतनाग में संयुक्त सुरक्षा अभ्यास चलाया गया, जिसमें पुलिस और सीआरपीएफ ने संवेदनशील इलाकों की गहन जांच की। बख्शी स्टेडियम, महाराजा बाजार और अमीरा कदल जैसे इलाकों में विध्वंसक कृत्य विरोधी अभियान चलाया गया। आने वाले राष्ट्रीय समारोहों को देखते हुए यह साफ संदेश है कि सुरक्षा बल हर चुनौती के लिए तैयार हैं और घाटी में शांति व्यवस्था बनाए रखने को प्रतिबद्ध हैं। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
इन तमाम घटनाओं को जोड़कर देखें तो तस्वीर साफ है। एक तरफ सीमा पार से ड्रोन, गुब्बारे और नशे के जरिए अस्थिरता फैलाने की कोशिशें हैं, दूसरी तरफ देश के भीतर सेना, पुलिस और अदालतें सख्त रुख अपनाए हुए हैं। सांबा में शहादत, कुपवाड़ा में साजिश, कठुआ में नशे का जाल और बड़गाम में कुर्की – यह सब एक ही कहानी के अलग-अलग अध्याय हैं। जम्मू-कश्मीर में हर मोर्चे पर निर्णायक और आक्रामक जवाब ही आतंकवाद से निपटने का एकमात्र रास्ता है।

