Rupee Dollar: इस साल भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ी चुनौती रहा है, लेकिन अब स्थिति बदल रही है। टैरिफ संबंधी चिंताओं, वैश्विक अनिश्चितताओं और विदेशी पूंजी की निकासी के बीच डॉलर की मजबूती ने भारतीय रुपये को 91 के स्तर से भी ऊपर धकेल दिया था। हालांकि, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के सक्रिय हस्तक्षेप और बाजार में नकदी बढ़ाने के ठोस कदमों के बाद, रुपये ने एक बार फिर अपनी खोई हुई ताकत दिखानी शुरू कर दी है, जिससे निवेशकों और कारोबारियों में नई उम्मीद जगी है।
# डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये की वापसी: क्या RBI की नीतियों ने बदली Rupee Dollar की चाल?
## Rupee Dollar एक्सचेंज रेट में सुधार और RBI का हस्तक्षेप
बुधवार के शुरुआती कारोबार में भारतीय रुपये ने अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 12 पैसे की मजबूत बढ़त दर्ज करते हुए 89.51 के स्तर पर कारोबार किया। विदेशी मुद्रा कारोबारियों के अनुसार, यह मजबूती आरबीआई द्वारा बाजार में करीब तीन लाख करोड़ रुपये की पर्याप्त नकदी उपलब्ध कराने की घोषणा का सीधा परिणाम है, जिसने निवेशकों के भरोसे को बढ़ाया है। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 89.56 पर खुला, लेकिन जल्द ही 89.51 तक पहुंच गया, जो पिछले बंद स्तर 89.63 से महत्वपूर्ण सुधार का संकेत है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। कारोबार के दौरान, रुपये ने एक समय 89.65 का निचला स्तर भी देखा, लेकिन आरबीआई के हस्तक्षेप ने इसे स्थिरता प्रदान की।
इसी बीच, वैश्विक मोर्चे पर छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को दर्शाने वाला डॉलर इंडेक्स 0.07 प्रतिशत की गिरावट के साथ 97.87 पर दर्ज किया गया, जिससे उभरती बाजार की मुद्राओं को कुछ राहत मिली है। हालांकि, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) मंगलवार को शुद्ध बिकवाल बने रहे और उन्होंने 1,794.80 करोड़ रुपये के शेयर बेच दिए, जिससे यह संकेत मिलता है कि रुपये और शेयर बाजार में आई मजबूती के बावजूद विदेशी निवेशक फिलहाल सतर्क रुख अपनाए हुए हैं।
## घरेलू शेयर बाजार और वैश्विक बाजार का रुख
घरेलू शेयर बाजार में भी सकारात्मक रुझान देखने को मिला, जहां सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 63.82 अंक चढ़कर 85,588.66 पर और निफ्टी 32.80 अंक की बढ़त के साथ 26,209.95 के स्तर पर पहुंच गया। यह दर्शाता है कि आरबीआई के कदमों से न केवल रुपये को मजबूती मिली है, बल्कि इसका सकारात्मक प्रभाव शेयर बाजार पर भी पड़ा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड भी लगभग स्थिर रुख के साथ 0.02 प्रतिशत की मामूली बढ़त लेकर 62.39 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार करता दिखा, जो वैश्विक कमोडिटी बाजारों में स्थिरता की ओर इशारा करता है। रियल-टाइम बिजनेस – टेक्नोलॉजी खबरों के लिए यहां क्लिक करें। भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए यह एक महत्वपूर्ण मोड़ है, जहां रुपये की स्थिरता और शेयर बाजार की तेजी भविष्य के विकास की उम्मीदें जगाती हैं। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। आने वाले समय में आरबीआई की नीतियों और वैश्विक आर्थिक परिदृश्य पर नज़र रखना बेहद महत्वपूर्ण होगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या रुपया अपनी इस मजबूती को बरकरार रख पाता है और वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच अपनी स्थिति और मजबूत कर पाता है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।



