Bihar Electricity:
बिहार इलेक्ट्रिसिटी: 78 साल बाद जगमग होगा बेतिया का बलुआ पंचायत, बदल जाएगी तस्वीर
बिहार इलेक्ट्रिसिटी: दशकों का अंधकार, अब उजाले की आस
Bihar Electricity: जिस देश में चाँद तक पहुंचने के दावे हो रहे हैं, उसी देश का एक हिस्सा आज भी अंधेरे में डूबा है। यह कहानी है बिहार के बेतिया जिले के बलुआ पंचायत की, जहां आजादी के 78 साल बाद भी कई गांवों में बिजली नहीं पहुंची है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। बेतिया जिले के बलुआ पंचायत के कई गांवों में आज भी लोग सूरज उगने के बाद और डूबने से पहले भोजन बनाने के लिए मजबूर हैं। इसकी वजह यह है कि देश की आजादी के 78 साल बाद भी इन गांवों में बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। 5जी के जमाने में भी यहां के लोग स्मार्टफोन के बजाय की-पैड फोन का इस्तेमाल करते हैं।
बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं के अभाव में इन गांवों का विकास थम-सा गया है। बच्चों की पढ़ाई रात में लालटेन या दीये की रोशनी में होती है, और शाम ढलते ही पूरा गांव अंधेरे में डूब जाता है। ग्रामीणों का जीवन बेहद मुश्किल भरा है। खेती से जुड़ी सिंचाई और अन्य कार्यों के लिए उन्हें भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बिजली न होने के कारण छोटे उद्योग-धंधे भी यहां पनप नहीं पाए हैं, जिससे युवाओं को रोजगार के लिए पलायन करना पड़ता है, आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
2026 तक होगा अंधकार दूर, जीवन में आएगी क्रांति
हालांकि, अब इन गांवों के लिए एक अच्छी खबर है। सरकारी प्रयासों के बाद बलुआ पंचायत के इन बिजली विहीन गांवों को 2026 तक पूरी तरह से रोशन कर दिया जाएगा। बिजली विभाग की ओर से इस दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है और उम्मीद है कि जल्द ही यहां के लोगों का दशकों लंबा इंतजार खत्म होगा। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें: देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। बिजली आने से न सिर्फ लोगों के घरों में रोशनी होगी, बल्कि कृषि, शिक्षा और छोटे व्यवसायों में भी क्रांति आएगी। ग्रामीण विकास को नई गति मिलेगी और जीवन स्तर में सुधार होगा। इन बुनियादी सुविधाओं का अभाव अब इतिहास बनने जा रहा है, और बलुआ पंचायत के लोग एक नए, रोशन भविष्य की ओर कदम बढ़ा रहे हैं, आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।


