न्याय की चौखट पर जब विश्वास दम तोड़ने लगे और इंसाफ की उम्मीदें टूटने लगें, तब सवाल उठता है कि क्या सचमुच हम एक सभ्य समाज का हिस्सा हैं? क्या न्याय सिर्फ शक्तिशाली के लिए है और पीड़िता के आँसू बेमानी? Unnao Rape Case: इसी कटु सच्चाई को एक बार फिर सामने ला दिया है पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को मिली जमानत ने, जिसने देश की न्याय व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
Unnao Rape Case: पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर की जमानत पर भड़के राहुल गांधी, बोले- ‘क्या यह न्याय है?’
Unnao Rape Case: राहुल गांधी ने जताई गहरी चिंता
2017 के बहुचर्चित उन्नाव बलात्कार मामले में पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली उच्च न्यायालय से जमानत मिलने के बाद सियासी हलकों में हलचल तेज हो गई है। लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने इस फैसले की कड़ी निंदा करते हुए इसे ‘बेहद निराशाजनक और शर्मनाक’ करार दिया है। उन्होंने पीड़िता के साथ हो रहे व्यवहार पर तीखे सवाल उठाए और कहा कि यह घटना भारत को न सिर्फ एक ‘मृत अर्थव्यवस्था’ की ओर धकेल रही है, बल्कि एक ‘मृत समाज’ में भी तब्दील कर रही है।
गांधी ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “क्या सामूहिक बलात्कार पीड़िता के साथ ऐसा व्यवहार उचित है? क्या न्याय के लिए आवाज उठाने का साहस दिखाना उसकी ‘गलती’ है? उसके अपराधी (पूर्व भाजपा विधायक) को जमानत मिलना बेहद निराशाजनक और शर्मनाक है, खासकर तब जब पीड़िता को बार-बार परेशान किया जा रहा है और वह डर के साये में जी रही है।” उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा, “बलात्कारियों को जमानत और पीड़ितों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार – यह किस तरह का न्याय है?” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ऐसे कृत्य न्याय व्यवस्था में जनता के विश्वास को कमजोर करते हैं। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने आगे टिप्पणी की कि इस तरह की घटनाएं केवल संस्थागत विफलता नहीं, बल्कि एक गहरे नैतिक पतन का भी संकेत देती हैं। राहुल गांधी ने अपने पोस्ट में कहा कि हम न केवल एक मृत अर्थव्यवस्था बनते जा रहे हैं, बल्कि ऐसी अमानवीय घटनाओं के कारण हम एक मृत समाज में भी तब्दील होते जा रहे हैं। उनका मानना है कि लोकतंत्र में असहमति की आवाज उठाना एक अधिकार है और उसे दबाना एक अपराध है। पीड़िता को सम्मान, सुरक्षा और न्याय मिलना चाहिए – न कि बेबसी, भय और अन्याय।
पीड़िता की मां ने लगाए गंभीर आरोप, सुरक्षा पर सवाल
इस बीच, पीड़िता की मां ने दिल्ली में गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने बताया कि जब उन्हें और उनकी दो बेटियों को सीआरपीएफ के वाहन में ले जाया जा रहा था, तो उन्हें अचानक सड़क किनारे उतार दिया गया और सुरक्षाकर्मी उनकी बेटियों को अपने साथ ले गए। पीड़िता की मां ने व्यथित होकर कहा, “हमें न्याय नहीं मिला… वे मेरी बेटी को बंदी बनाकर ले जा रहे हैं… ये सुरक्षाकर्मी हम सबको मारना चाहते हैं। वे मेरी बेटियों को सीआरपीएफ के वाहन में ले गए… कुलदीप सेंगर की जमानत रद्द होनी चाहिए; अन्यथा हम अपनी जान दे देंगे… अन्यथा हमें मार दिया जाएगा, हम सुरक्षित नहीं हैं।” यह घटना कानून-व्यवस्था और पीड़िता की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करती है। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक दिन पहले ही उन्नाव बलात्कार मामले में पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को जमानत (सजा का निलंबन) दी थी। उन्हें दिल्ली की सीबीआई अदालत ने एक नाबालिग से बलात्कार के मामले में दोषी ठहराया था और वे आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे। न्यायमूर्ति सुब्रमणियम प्रसाद और हरीश वैद्यनाथन शंकर की खंडपीठ ने उनकी अपील लंबित रहने तक सजा को निलंबित करने का आदेश दिया। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर के मामले में यह फैसला कई सवाल छोड़ गया है।



