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दिसम्बर, 24, 2025

बिहार भूमि पंजीकरण का नया अध्याय: धोखाधड़ी पर लगेगा ताला, जानें क्या हैं नए नियम और फायदे!

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Bihar Land Registration: धरती का हर टुकड़ा, एक कहानी है। अब इन कहानियों में पारदर्शिता का नया अध्याय जुड़ने जा रहा है, जहाँ हर लेन-देन पर सरकार की पैनी नज़र होगी।

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बिहार भूमि पंजीकरण: पारदर्शिता और सुरक्षा की नई सुबह

बिहार सरकार ने भूमि पंजीकरण प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने और भ्रष्टाचार को कम करने के उद्देश्य से एक नई नीति की घोषणा की है। इस क्रांतिकारी कदम के तहत, सभी भूमि लेनदेन में अब खरीदार और विक्रेता दोनों के लिए बायोमेट्रिक सत्यापन अनिवार्य होगा। इस कदम से राज्य भर में संपत्ति के सौदों में अभूतपूर्व पारदर्शिता आने की उम्मीद है। पहले, फर्जी भूमि पंजीकरण के कई मामले सामने आते थे, जिसके कारण अनगिनत विवाद उत्पन्न होते थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह नीति एक अधिक सुरक्षित और कुशल भूमि प्रशासन प्रणाली की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। आगामी महीने से इसके क्रियान्वयन की योजना है, और अधिकारी नई डिजिटल प्रक्रियाओं के अनुकूल होने के लिए प्रशिक्षण ले रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने मिली-जुली प्रतिक्रियाएं व्यक्त की हैं; कुछ लोग इस पारदर्शिता की सराहना कर रहे हैं, जबकि अन्य डिजिटल डिवाइड को लेकर चिंतित हैं। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।

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फर्जीवाड़े पर लगेगी लगाम

नई भूमि पंजीकरण नीति का मुख्य उद्देश्य जमीन से जुड़े फर्जीवाड़े को रोकना है। बायोमेट्रिक सत्यापन के माध्यम से अब किसी भी व्यक्ति के लिए दूसरे की जमीन को अवैध रूप से पंजीकृत कराना असंभव हो जाएगा। इससे ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में भूमि संबंधी विवादों में भारी कमी आने की संभावना है। यह न केवल आम जनता को धोखाधड़ी से बचाएगा, बल्कि अदालतों पर मुकदमेबाजी का बोझ भी कम करेगा। सरकार का दावा है कि इस पहल से ‘प्रॉपर्टी ट्रांजेक्शन’ में लोगों का विश्वास बढ़ेगा, जिससे राज्य में निवेश का माहौल भी बेहतर होगा। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें: https://deshajtimes.com/news/national/

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क्रियान्वयन और चुनौतियां

यह नई नीति अगले महीने से लागू होने वाली है। इसके लिए भूमि राजस्व विभाग के अधिकारियों को गहन प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि वे नई प्रणाली को सुचारू रूप से संचालित कर सकें। हालांकि, कई ग्रामीण इलाकों में जहाँ इंटरनेट कनेक्टिविटी और डिजिटल साक्षरता का अभाव है, वहाँ इसके क्रियान्वयन में कुछ चुनौतियाँ आ सकती हैं। सरकार को इन चुनौतियों से निपटने के लिए विशेष योजनाएं बनानी होंगी, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कोई भी नागरिक इस सुविधा से वंचित न रहे। यह एक ऐसा कदम है जहाँ आपको आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। साथ में सरकार को भी जमीनी हकीकत का सामना करना होगा।

जनता की राय और आगे की राह

इस नीति को लेकर जनता में अलग-अलग राय है। एक ओर जहाँ जागरूक नागरिक इसे पारदर्शिता की दिशा में एक बड़ा और स्वागत योग्य कदम मान रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ लोग खासकर बुजुर्ग और कम पढ़े-लिखे लोग बायोमेट्रिक प्रक्रिया को समझने और अपनाने में कठिनाई महसूस कर रहे हैं। सरकार को चाहिए कि वह व्यापक जागरूकता अभियान चलाए और हेल्पडेस्क स्थापित करे ताकि सभी लोग आसानी से इस नई प्रणाली का लाभ उठा सकें। यह नीति बिहार में भूमि प्रशासन को आधुनिक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकती है, बशर्ते इसका क्रियान्वयन प्रभावी ढंग से हो। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।

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