जिले के प्रगतिशील किसानों का एक दल कृषि के नवीनतम गुर सीखने और आधुनिक तकनीकों को समझने के लिए ‘सेंटर ऑफ एक्सिलेंस’ के लिए रवाना हो गया है। यह पहल किसानों को सशक्त बनाने और उनकी आय दोगुनी करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस दौरे का मुख्य उद्देश्य किसानों को उन्नत कृषि पद्धतियों, नई बीज किस्मों, जल प्रबंधन तकनीकों और जैविक खेती के बारे में जानकारी प्रदान करना है। यहां उन्हें व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जाएगा जिससे वे अपनी उपज में गुणात्मक सुधार ला सकें। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम किसानों को न केवल सैद्धांतिक ज्ञान देगा, बल्कि उन्हें कृषि क्षेत्र में आ रहे नए बदलावों से भी अवगत कराएगा।
Farmers Training: किसानों के लिए ज्ञान का महाकुंभ
यह केंद्र किसानों को आधुनिक कृषि तकनीक के साथ-साथ बाजार की मांगों को समझने और अपनी फसलों का बेहतर मूल्य प्राप्त करने में भी मदद करेगा। विशेषज्ञ उन्हें फसल चक्र, कीट नियंत्रण और मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन के नवीनतम तरीकों से परिचित कराएंगे। किसानों का मानना है कि ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रमों से उन्हें अपनी खेती को और अधिक वैज्ञानिक और लाभदायक बनाने में मदद मिलेगी। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। किसानों में इस यात्रा को लेकर खासा उत्साह देखा जा रहा है।
भविष्य की कृषि की ओर बढ़ते कदम
इस सेंटर ऑफ एक्सिलेंस में किसान न केवल नई तकनीकों को जानेंगे, बल्कि अन्य सफल किसानों के अनुभवों से भी सीखेंगे। इससे उन्हें अपनी कृषि पद्धतियों में सुधार करने और चुनौतियों का सामना करने के लिए नए दृष्टिकोण मिलेंगे। प्रशिक्षण के बाद, ये किसान अपने अनुभव और ज्ञान को जिले के अन्य किसानों के साथ साझा करेंगे, जिससे कृषि क्षेत्र में एक सकारात्मक बदलाव की लहर आएगी। सरकार का भी प्रयास है कि ऐसे सेंटर ऑफ एक्सिलेंस के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिले और किसान आत्मनिर्भर बनें। यह पहल निश्चित रूप से जिले की कृषि उत्पादकता और किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने में सहायक सिद्ध होगी। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।


