Samastipur News: शिक्षा का मंदिर, जहां हर बच्चे की प्रतिभा एक अनमोल दिया है, उसे सही मार्गदर्शन से ही रोशन किया जा सकता है। इसी सोच के साथ समस्तीपुर में एक नई पहल हुई है, जिसका उद्देश्य हर बच्चे की क्षमता को पहचानना है।
समस्तीपुर न्यूज़: 143 स्कूलों में ‘हर एक बच्चा श्रेष्ठ बच्चा’ पर शिक्षक-अभिभावक संगोष्ठी, शिक्षा में नई क्रांति की ओर कदम
समस्तीपुर न्यूज़: शिक्षा संवाद का नया अध्याय
शिक्षा के क्षेत्र में बच्चों के समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए समस्तीपुर में एक महत्वपूर्ण पहल की गई है। जिले के कुल 143 प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में ‘हर एक बच्चा श्रेष्ठ बच्चा’ विषय पर विशेष शिक्षक-अभिभावक संगोष्ठियों का आयोजन किया गया। इन संगोष्ठियों का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों और अभिभावकों के बीच संवाद स्थापित करना था, ताकि वे मिलकर बच्चों की अद्वितीय प्रतिभाओं को पहचान सकें और उन्हें निखार सकें। इस दौरान बच्चों के शैक्षणिक प्रदर्शन, व्यवहारिक पहलुओं और सीखने की क्षमता पर विस्तार से चर्चा की गई। यह पहल निश्चित रूप से जिले में बाल विकास को एक नई दिशा देगी, आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। इन बैठकों में अभिभावकों ने भी सक्रिय रूप से भाग लिया और अपने बच्चों से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर शिक्षकों से सीधा संवाद किया। यह कदम बच्चों की शिक्षा में गुणात्मक सुधार लाने की दिशा में एक बड़ा मील का पत्थर साबित हो सकता है।
बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की नींव
इस कार्यक्रम के माध्यम से न केवल बच्चों की अकादमिक उत्कृष्टता पर ध्यान केंद्रित किया गया, बल्कि उनके सामाजिक और भावनात्मक बाल विकास को भी प्राथमिकता दी गई। शिक्षकों और अभिभावकों ने मिलकर बच्चों की कमजोरियों को दूर करने और उनकी शक्तियों को बढ़ावा देने के लिए कार्ययोजना तैयार की। ऐसे आयोजन बच्चों के आत्मविश्वास को बढ़ाने और उन्हें अपनी पूरी क्षमता तक पहुंचने में मदद करते हैं। इन संगोष्ठियों से यह भी स्पष्ट हुआ कि शिक्षा में अभिभावकों की भागीदारी कितनी महत्वपूर्ण है। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें: https://deshajtimes.com/news/national/। यह पहल समस्तीपुर के शैक्षिक परिदृश्य में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास है, जहां हर बच्चा अपनी विशिष्ट पहचान बना सके। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। जिले के शिक्षा विभाग ने इस तरह के आयोजनों को भविष्य में भी जारी रखने की बात कही है, ताकि शिक्षा की गुणवत्ता में निरंतर सुधार होता रहे और कोई भी बच्चा पीछे न छूटे।



