Bokaro News: कभी-कभी ज़िंदगी ऐसे झटके देती है कि हर कोई स्तब्ध रह जाता है। बोकारो समाहरणालय में भी कुछ ऐसा ही मंजर था, जब एक कर्मठ अधिकारी के आकस्मिक निधन ने सबको निःशब्द कर दिया।
Bokaro News: बुधवार को पेटरवार अंचल के राजस्व उप निरीक्षक स्व. दिनेश्वर मांझी के आकस्मिक निधन से जिला प्रशासन में शोक की लहर दौड़ गई। उपायुक्त अजय नाथ झा के नेतृत्व में समाहरणालय परिसर में एक शोक सभा का आयोजन किया गया, जहाँ उपस्थित सभी अधिकारियों और कर्मियों ने दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की। इस दुखद पल में सभी की आँखें नम थीं और चेहरों पर संवेदना का भाव स्पष्ट दिख रहा था।
राजस्व उप निरीक्षक के परिवार के साथ बोकारो न्यूज़: प्रशासन की संवेदना
शोक सभा के उपरांत उपायुक्त अजय नाथ झा ने संबंधित पदाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्व. दिनेश्वर मांझी के श्राद्ध कर्म से पूर्व उनके परिवार को सभी देय कर्मचारी लाभ ससमय उपलब्ध कराए जाएँ। इस कठिन घड़ी में, प्रशासन की ओर से मिलने वाली सरकारी सहायता यह सुनिश्चित करेगी कि परिवार को आर्थिक संबल मिल सके। उपायुक्त ने दृढ़ता से कहा कि इस दुख की घड़ी में पूरा जिला प्रशासन मृतक कर्मचारी के परिवार के साथ मजबूती से खड़ा है, आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
मौके पर उप विकास आयुक्त शताब्दी मजूमदार, जिला पंचायती राज पदाधिकारी मो. सफीक आलम, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी रवि कुमार, सहायक जनसंपर्क पदाधिकारी अविनाश कुमार सिंह, डीडीएमओ शक्ति कुमार समेत अन्य अधिकारी और कर्मी मौजूद थे।
ठंड के मद्देनजर सुरक्षा और दायित्व निर्वहन पर जोर
उपायुक्त ने इस अवसर पर सभी पदाधिकारियों एवं कर्मियों को वर्तमान ठंड के मौसम को देखते हुए आवश्यक एहतियात बरतने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए अपने दायित्वों का निर्वहन किया जाए, ताकि प्रशासनिक कार्य सुचारू रूप से संचालित हो सकें और किसी भी कर्मचारी को स्वास्थ्य संबंधी परेशानी न हो। यह निर्देश एक संवेदनशील प्रशासन की पहचान है, जो अपने कर्मचारियों के स्वास्थ्य का भी ख्याल रखता है। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
वहीं, उपायुक्त के कार्यालय कक्ष में विभिन्न प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के प्रतिनिधियों ने भी स्व. दिनेश्वर मांझी के निधन पर दो मिनट का मौन रखकर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी। यह दर्शाता है कि एक अधिकारी का जाना सिर्फ सरकारी महकमे के लिए नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए एक क्षति है। यह सरकारी सहायता सुनिश्चित करने का भी एक प्रयास है कि सभी को समय पर सहयोग मिले। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
सड़क नियम जीवन रक्षक हैं, इन्हें अपनाएं – सुरक्षित घर जाएं।
तेज नहीं, सुरक्षित चलें – परिवार आपका इंतजार कर रहा है।



