Unnao Rape Case: न्याय की चौखट पर उम्मीदों का दीया थामे, एक बेटी फिर इंसाफ की राह तक रही है। अदालत से मिली राहत के बाद, उसके जख्म फिर हरे हो गए हैं, लेकिन हौसला नहीं टूटा है।
Unnao Rape Case: कुलदीप सेंगर को राहत के बाद पीड़िता ने राहुल गांधी से मुलाकात कर भरी हुंकार, कहा- ‘पीएम से भी मिलूंगी’
Unnao Rape Case: इंसाफ की लड़ाई में नई उम्मीद
पूर्व भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली उच्च न्यायालय से बलात्कार मामले में मिली राहत के बाद उन्नाव बलात्कार पीड़िता ने न्याय की अपनी लड़ाई तेज कर दी है। पीड़िता, अपनी मां और सामाजिक कार्यकर्ता योगिता भयाना के साथ, बुधवार को नई दिल्ली के जनपथ रोड स्थित 10 नंबर पर लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी से मिली। इस मुलाकात को इंसाफ की लंबी जंग में एक अहम कदम माना जा रहा है।
मुलाकात से पहले, पीड़िता ने साफ किया था कि वह न्याय पाने के लिए हर संभव प्रयास करेगी। उसने कहा था कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और गृह मंत्री अमित शाह से भी मिलकर अपनी बात रखना चाहती है। पीड़िता का कहना है कि कुलदीप सेंगर को मिली राहत देश की बेटियों के लिए एक गलत संदेश है और इससे उनका मनोबल गिरा है।
राहुल गांधी और सोनिया गांधी से मिलने के बाद पीड़िता ने भावुक होकर बताया कि दोनों नेताओं की आंखों में आंसू थे। पीड़िता के अनुसार, उन्होंने उसे न्याय दिलाने में मदद करने का पूरा भरोसा दिलाया है। “मेरी बात सुनकर राहुल गांधी और सोनिया गांधी रो पड़े। मैं प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से भी मिलना चाहती हूं,” उसने कहा। पीड़िता ने जोर देकर कहा कि देश में शायद यह पहली बार है जब बलात्कार के आरोपी को जमानत पर रिहा किया जा रहा है, और इस आदेश ने देश की बेटियों को कमजोर कर दिया है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
दोषी को मिली जमानत, पीड़िता को गहरा आघात
पीड़िता ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर भरोसा जताते हुए कहा कि उन्होंने उन्हें न्याय दिलाने में मदद करने का आश्वासन दिया है। उसने अपनी बात दोहराई कि देश में पहली बार बलात्कार के आरोपी को जमानत पर रिहा किया जा रहा है। “मैं प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से मिलने का समय चाहती हूं। राहुल गांधी ने हमें बहुत हिम्मत दी है और भरोसा दिलाया है कि हमें न्याय मिलेगा। इस आदेश ने देश की बेटियों को कमजोर कर दिया है,” पीड़िता ने कहा। पीड़िता की न्याय की गुहार अब हर तरफ सुनाई दे रही है।
बुधवार सुबह नई दिल्ली में सुरक्षाकर्मियों ने कथित तौर पर पीड़िता और उसकी मां को दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने से रोका। पीड़िता का आरोप है कि इस दौरान उसकी मां के साथ मारपीट भी की गई। पीड़िता और उसकी मां इंडिया गेट पर फैसले के खिलाफ प्रदर्शन कर रही थीं। मंगलवार को भी पीड़िता और योगिता भयाना को हिरासत में लिया गया था। बुधवार को उन्होंने मंडी हाउस में मीडिया को संबोधित करने की योजना बनाई थी, लेकिन सीआरपीएफ की सुरक्षा में चल रही बस कथित तौर पर निर्धारित स्थान पर नहीं रुकी। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। यह घटनाक्रम दिखाता है कि न्याय की राह कितनी कठिन है।
आगे की रणनीति और देश भर में आक्रोश
पीड़िता और उसके परिवार का दृढ़ संकल्प है कि वे इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। देश भर में इस मामले को लेकर आक्रोश है और सामाजिक कार्यकर्ता पीड़िता के समर्थन में आगे आ रहे हैं। इस मामले में पीड़िता की न्याय की गुहार सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि देश की हर उस बेटी की आवाज है जो सुरक्षित और न्यायपूर्ण समाज का सपना देखती है। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें: https://deshajtimes.com/news/national/
न्यायपालिका से मिले इस झटके के बावजूद, पीड़िता ने अपनी लड़ाई जारी रखने का संकल्प लिया है। उसने कहा है कि वह सभी बड़े नेताओं से मिलकर अपनी बात रखेगी ताकि उसे और देश की अन्य पीड़ित बेटियों को न्याय मिल सके। यह मामला एक बार फिर न्याय प्रणाली और महिला सुरक्षा के दावों पर सवाल खड़े करता है।



