Pea Crop Ruined: धरती का सीना चीरकर अन्न उपजाने वाले किसान की उम्मीदें जब पल भर में बिखर जाएं, तो उस पर क्या गुजरती होगी? एक ऐसी ही हृदय विदारक घटना बिहार के एक खेत से सामने आई है, जहां एक चूक ने सारी मेहनत पर पानी फेर दिया।
Pea Crop Ruined: जब खेत में हुई एक छोटी सी गलती बनी बड़ी तबाही का सबब
बिहार के एक दूरदराज इलाके में एक किसान परिवार गहरे सदमे में है। उनकी एक एकड़ खेत में लहलहाती मटर की फसल देखते ही देखते सूखने लगी है, जिसका कारण एक्सपायरी कीटनाशक दवा का छिड़काव बताया जा रहा है। किसान ने अपनी फसल को कीटों से बचाने के लिए बाजार से कीटनाशक खरीदा था, लेकिन अनजाने में उन्होंने उस दवा का इस्तेमाल कर दिया जिसकी वैधता अवधि समाप्त हो चुकी थी। इस एक गलती ने उनकी महीनों की मेहनत और पूंजी को बर्बाद कर दिया।
खेत में लगी हरी-भरी फसल को आंखों के सामने पीला पड़ते और सूखते देख किसान और उनका पूरा परिवार टूट चुका है। उनकी उम्मीदें और सपने, जो इस फसल पर टिके थे, अब धूल फांक रहे हैं। इस घटना ने एक बार फिर कृषि क्षेत्र में गुणवत्ता नियंत्रण और किसानों को सही जानकारी उपलब्ध कराने की महत्ता को उजागर किया है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। यह दुखद घटना दर्शाती है कि कैसे छोटी सी लापरवाही भी अन्नदाता के लिए बड़ा संकट खड़ा कर सकती है।
कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि एक्सपायरी हो चुके रासायनिक कीटनाशक न केवल फसल के लिए हानिकारक होते हैं, बल्कि वे मिट्टी की उर्वरता और पर्यावरण पर भी बुरा प्रभाव डालते हैं। ऐसे उत्पादों का उपयोग करने से बचने की सलाह हमेशा दी जाती है, क्योंकि वे फसल को बचाने की बजाय उसे नष्ट कर सकते हैं।
नुकसान से सदमे में किसान परिवार
किसान ने बताया कि उन्होंने बड़े चाव से मटर की बुवाई की थी और उम्मीद थी कि अच्छी पैदावार होगी, जिससे परिवार का भरण-पोषण हो पाएगा और कुछ कर्ज भी उतर सकेगा। लेकिन अब तो लागत भी निकलना मुश्किल लग रहा है। खेत में सूखती फसल को देख उनकी आंखों में आंसू हैं। वे अब यह सोचने पर मजबूर हैं कि आखिर इस नुकसान की भरपाई कैसे होगी। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें: https://deshajtimes.com/news/national/ यह घटना राज्य के अन्य किसानों के लिए भी एक सबक है कि वे कृषि उत्पादों की खरीद और उपयोग में अत्यधिक सावधानी बरतें। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
कृषि विभाग को ऐसे मामलों में तत्काल हस्तक्षेप कर किसानों को उचित सलाह और सहायता प्रदान करनी चाहिए। साथ ही, कीटनाशक विक्रेताओं को भी यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे केवल वैध और अच्छी गुणवत्ता वाले उत्पाद ही बेचें। किसानों को भी खरीदारी करते समय उत्पादों की एक्सपायरी डेट और गुणवत्ता जांचने की आदत डालनी चाहिए। यह सुनिश्चित करने के लिए कि ऐसी घटनाएँ दोबारा न हों, सरकारी एजेंसियों और किसानों के बीच जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।



