Pea crop damage: किसानों के सपने भी मौसम की तरह नाजुक होते हैं, एक छोटी सी चूक और सब कुछ बिखर जाता है। बिहार के एक किसान परिवार पर ऐसा ही वज्रपात हुआ है, जहां लापरवाही ने उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया।
Pea crop damage: एक एकड़ मटर की फसल बर्बाद, कीटनाशक की चूक से टूटा किसानों पर दुखों का पहाड़
Pea crop damage: एक्सपायर्ड कीटनाशक ने छीनी रोजी-रोटी
बिहार के एक छोटे से गाँव में एक किसान परिवार की उम्मीदों पर तब पानी फिर गया, जब एक एकड़ खेत में लगी मटर की लहलहाती फसल देखते ही देखते सूखने लगी। कारण जानकर हर कोई हैरान है – फसल में एक्सपायरी कीटनाशक दवा का छिड़काव। इस घटना ने जहाँ किसान को गहरे सदमे में डाल दिया है, वहीं कृषि क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाले उत्पादों की गुणवत्ता पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
किसान और उनका पूरा परिवार खेत में सूखती अपनी फसल को देखकर बेसुध है। जिस फसल से उन्होंने सालभर की कमाई और अपने बच्चों के भविष्य की उम्मीदें बाँध रखी थीं, वह अब केवल सूखे पत्तों का ढेर बनती जा रही है। यह सिर्फ फसल का नुकसान नहीं, बल्कि एक परिवार के सपनों का टूटना है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, एक्सपायरी कीटनाशक का प्रयोग फसल के लिए घातक होता है। यह न केवल फसल को नुकसान पहुँचाता है, बल्कि मिट्टी की उर्वरता और पर्यावरण पर भी बुरा असर डालता है। यह घटना एक बार फिर किसानों की समस्या और कृषि उत्पादों की खरीद में सतर्कता की कमी को उजागर करती है। कई बार जानकारी के अभाव में या सस्ते के लालच में किसान ऐसी गलतियाँ कर बैठते हैं, जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ता है।
इस पूरे मामले में यह जाँच का विषय है कि किसान तक यह एक्सपायरी दवा कैसे पहुँची और क्या विक्रेता द्वारा उन्हें सही जानकारी दी गई थी। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। किसान ने स्थानीय कृषि विभाग से मदद की गुहार लगाई है, लेकिन नुकसान इतना बड़ा है कि उसकी भरपाई आसान नहीं दिख रही है।
किसानों की आय पर दोहरी मार
मटर की फसल आमतौर पर अच्छी आय देने वाली मानी जाती है, और ऐसे में एक एकड़ फसल का बर्बाद होना किसान के लिए आर्थिक रूप से कमर तोड़ने वाला है। सरकार और कृषि संगठनों को ऐसी घटनाओं पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और किसानों को गुणवत्तापूर्ण कृषि उत्पाद उपलब्ध कराने के साथ-साथ उनके सही उपयोग के बारे में जागरूक भी करना चाहिए। नकली या एक्सपायरी उत्पादों की बिक्री पर सख्त कार्रवाई भी जरूरी है। एक जिम्मेदार मीडिया के तौर पर, आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
यह घटना अकेले इस किसान की नहीं, बल्कि उन हजारों किसानों की कहानी है, जो हर दिन कृषि से जुड़ी नई-नई चुनौतियों का सामना करते हैं। उम्मीद है कि संबंधित अधिकारी इस मामले में तत्काल संज्ञान लेंगे और पीड़ित किसान को उचित मुआवजा दिलाने की दिशा में कदम उठाएंगे, ताकि अन्य किसान ऐसी गलतियों से सबक ले सकें और अपनी मेहनत की कमाई को बर्बाद होने से बचा सकें।



