धरती की कोख से उपजे जीवन का संघर्ष अब खुद धरती को बचाने का हो चला है। जब प्रकृति का संगीत बेसुरा होने लगे, तब जरूरी है कि हम उसके सुरों को फिर से साधें।
जमुनी लाल कॉलेज में Environmental Protection की नई पहल
इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए जमुनी लाल कॉलेज के भूगोल विभाग ने पर्यावरण संरक्षण की भूमिका पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में वक्ताओं ने वर्तमान पर्यावरणीय चुनौतियों और उनके समाधान पर गहन चर्चा की। संगोष्ठी का मुख्य उद्देश्य छात्रों और आमजन में पर्यावरण के प्रति जागरूकता पैदा करना था। वक्ताओं ने बताया कि किस तरह मानवीय गतिविधियाँ प्रकृति के नाजुक संतुलन को प्रभावित कर रही हैं। प्रदूषण, वनों की कटाई और प्राकृतिक संसाधनों का अंधाधुंध दोहन हमारे ग्रह के स्वास्थ्य के लिए खतरा बन गया है।
कॉलेज के प्राचार्य ने अपने संबोधन में इस बात पर जोर दिया कि जैविक व अजैविक घटकों के बीच संतुलन बनाना अनिवार्य है। उन्होंने कहा, ‘पर्यावरण एक जटिल तंत्र है जहां हर घटक एक दूसरे पर निर्भर करता है। इस पारिस्थितिकी संतुलन को बनाए रखना ही हमारे और आने वाली पीढ़ियों के अस्तित्व की कुंजी है।’ आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। उन्होंने छात्रों से अपील की कि वे अपने आसपास के वातावरण को स्वच्छ रखने और पेड़ लगाने जैसे छोटे-छोटे प्रयासों से भी Environmental Protection में अपना योगदान दें।
संगोष्ठी में विशेषज्ञों ने जलवायु परिवर्तन के प्रभावों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि किस तरह ग्लोबल वार्मिंग और अनियमित मौसम की घटनाएं इस पारिस्थितिकी संतुलन को बिगाड़ रही हैं। इस गंभीर चुनौती से निपटने के लिए वैश्विक स्तर पर ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
छात्रों में बढ़ी पर्यावरण जागरूकता
कार्यक्रम के दौरान छात्रों ने पर्यावरण से संबंधित विभिन्न विषयों पर अपने विचार प्रस्तुत किए। कुछ छात्रों ने प्लास्टिक कचरा प्रबंधन पर अपनी परियोजनाएं दिखाईं, जबकि अन्य ने जल संरक्षण के महत्व पर लघु नाटिका प्रस्तुत की। यह देखा गया कि युवा पीढ़ी पर्यावरण के मुद्दों को लेकर काफी जागरूक है और समाधान खोजने को उत्सुक है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
भूगोल विभाग के अध्यक्ष ने समापन भाषण में सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया और पर्यावरण संरक्षण को एक सामूहिक जिम्मेदारी बताया। उन्होंने उम्मीद जताई कि ऐसे आयोजन भविष्य में भी होते रहेंगे ताकि समाज में पर्यावरणीय चेतना का संचार हो सके। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।



