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Bhagalpur News: जीवन की किताब में हर अध्याय का अंत होता है, लेकिन जब हिसाब पूरा न हो, तो नए पन्ने उलटने मुश्किल हो जाते हैं। शिक्षा विभाग ने अब ऐसे ही ‘अधूरे हिसाब’ वाले पूर्व प्रधानाध्यापकों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।
Bhagalpur News: लापरवाही भारी पड़ेगी! पूर्ण प्रभार न देने वाले पूर्व प्रधानाध्यापकों पर शिकंजा, शिक्षा विभाग सख्त
बिहार के भागलपुर जिले में शिक्षा विभाग ने एक कड़ा रुख अपनाया है। उन पूर्व प्रधानाध्यापकों पर अब कार्रवाई की तलवार लटक रही है, जिन्होंने अपने पद से हटने के बाद भी विद्यालयों का पूर्ण प्रभार वर्तमान प्रधानाध्यापकों को नहीं सौंपा है। विभाग का मानना है कि इस तरह की लापरवाही न केवल प्रशासनिक व्यवस्था को बाधित करती है, बल्कि वित्तीय अनियमितताओं की आशंका को भी जन्म देती है।
शिक्षा विभाग के सूत्रों के अनुसार, ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां पूर्व प्रधानाध्यापकों ने अपने कार्यकाल के दौरान के महत्वपूर्ण दस्तावेज, खाता-बही और अन्य संपत्तियों का सही ढंग से प्रभार हस्तांतरण नहीं किया है। इस अनदेखी से विद्यालयों के दैनिक संचालन में भी बाधाएं आ रही हैं। विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सभी संबंधित अधिकारियों को ऐसे पूर्व प्रधानाध्यापकों की सूची तैयार करने और उन पर आवश्यक कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सरकारी धन का उपयोग और प्रबंधन पारदर्शी तरीके से हो।
Bhagalpur News: क्या है पूरा मामला और क्यों हो रही है कार्रवाई?
दरअसल, यह कार्रवाई शिक्षा विभाग की उस पहल का हिस्सा है, जिसके तहत विद्यालयों में वित्तीय और प्रशासनिक अनुशासन को मजबूत किया जा रहा है। कई विद्यालयों में देखा गया कि प्रधानाध्यापकों के बदलने पर प्रभार हस्तांतरण की प्रक्रिया अधूरी रह जाती है, जिससे नए प्रधानाध्यापकों को पुराने हिसाब-किताब को समझने और आगे बढ़ाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। यह स्थिति कई बार भ्रष्टाचार की आशंकाओं को भी जन्म देती है। विभाग का स्पष्ट निर्देश है कि कोई भी प्रधानाध्यापक अपना पद छोड़ने से पहले सभी दस्तावेजों, संपत्तियों और वित्तीय प्रभारों का विधिवत हस्तांतरण सुनिश्चित करे।
यह आदेश उन सभी पूर्व प्रधानाध्यापकों पर लागू होगा, जिन्होंने हाल के वर्षों में या कुछ समय पहले अपने पद छोड़े हैं, लेकिन उन्होंने अपने दायित्वों का पूर्ण निर्वहन नहीं किया। विभाग ने चेतावनी दी है कि जो भी इसमें कोताही बरतेगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा। इसके लिए कानूनी प्रावधानों के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी, जिसमें वेतन रोकने से लेकर कानूनी मुकदमे तक शामिल हो सकते हैं। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
विभाग की सख्ती और पारदर्शिता की पहल
इस नई पहल से शिक्षा व्यवस्था में अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही आने की उम्मीद है। शिक्षा विभाग लगातार प्रयास कर रहा है कि विद्यालयों में सभी प्रक्रियाएं नियमानुसार चलें और किसी भी प्रकार की अनियमितता को पनपने न दिया जाए। यह कदम शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों के बीच भी एक स्पष्ट संदेश देगा कि कर्तव्यों के निर्वहन में किसी भी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। आने वाले दिनों में इस कार्रवाई का व्यापक असर देखने को मिल सकता है, जिससे विद्यालयों में प्रभार हस्तांतरण की प्रक्रिया और अधिक सुदृढ़ होगी।

