Bhagalpur Headmasters: शिक्षा के मंदिर में अव्यवस्था और लापरवाही का दाग अब बर्दाश्त नहीं होगा। सरकारी बाबुओं की ढिलाई पर अब प्रशासन की तलवार चल पड़ी है।
भागलपुर में शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए प्रशासन अब एक्शन मोड में आ गया है। पूर्ण प्रभार नहीं सौंपने वाले पूर्व प्रधानाध्यापकों के खिलाफ विभाग ने सख्त रुख अपनाया है। ऐसे शिक्षकों की लापरवाही अब भारी पड़ने वाली है, क्योंकि शिक्षा विभाग ने उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की चेतावनी दी है। यह कदम सरकारी स्कूलों में जवाबदेही और अनुशासन सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
विभिन्न सरकारी विद्यालयों में तैनात कई पूर्व प्रधानाध्यापकों ने अपने पद से हटने के बाद भी नए प्रभारियों को पूरी तरह से चार्ज हैंडओवर नहीं किया है। इस कारण विद्यालयों के कामकाज में बाधा आ रही है और शैक्षणिक गतिविधियों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। विभाग का मानना है कि यह प्रशासनिक शिथिलता है जिसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
Bhagalpur Headmasters: क्यों हुई कार्रवाई की नौबत?
जिला शिक्षा पदाधिकारी के निर्देशानुसार, ऐसे सभी पूर्व प्रधानाध्यापकों की सूची तैयार की जा रही है जिन्होंने अपने उत्तराधिकारियों को विधिवत रूप से प्रभार नहीं सौंपा है। इन पूर्व प्रधानाध्यापकों को कई बार नोटिस और रिमाइंडर भेजे जा चुके थे, लेकिन उनकी ओर से कोई संतोषजनक प्रतिक्रिया नहीं मिली। अब विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर जल्द से जल्द पूर्ण प्रभार नहीं सौंपा गया, तो उनके वेतन रोके जा सकते हैं और अन्य विभागीय कार्रवाई भी की जा सकती है।
इस संबंध में विभाग के उच्चाधिकारियों ने एक बैठक कर स्थिति की समीक्षा की और कड़े कदम उठाने का निर्णय लिया। उनका लक्ष्य है कि सरकारी स्कूलों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित हो सके। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
यह कदम न केवल वर्तमान बल्कि भविष्य के प्रधानाध्यापकों के लिए भी एक स्पष्ट संदेश है कि पदभार ग्रहण करने और छोड़ने की प्रक्रिया में किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
अधिकारियों की चेतावनी और आगे की रणनीति
शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इस मुद्दे पर कोई समझौता नहीं होगा। उन्होंने कहा कि विद्यालयों के सुचारु संचालन के लिए प्रभार का सही तरीके से हस्तांतरण अत्यंत आवश्यक है। जो भी पूर्व प्रधानाध्यापक अभी भी अपने पूर्ण प्रभार सौंपने में आनाकानी कर रहे हैं, उन्हें अंतिम चेतावनी दी गई है। इसके बाद भी अगर वे आदेश का पालन नहीं करते हैं तो उन पर सख्त कानूनी और प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी, जिसमें वेतन कटौती से लेकर निलंबन तक के प्रावधान शामिल हो सकते हैं। यह सुनिश्चित करना उनकी प्राथमिकता है कि शैक्षिक मानक प्रभावित न हों, आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
इस कार्रवाई से उम्मीद है कि भागलपुर के स्कूलों में प्रशासनिक व्यवस्था सुधरेगी और शिक्षकों में अपनी जिम्मेदारियों के प्रति अधिक गंभीरता आएगी। यह कदम राज्य में शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

