शिक्षा का मंदिर, बच्चों के भविष्य की नींव, और अभिभावकों का विश्वास— ये तीनों जब एक साथ आते हैं, तो तस्वीर कुछ और ही बनती है। बुधवार को इसी सामंजस्य की एक नई इबारत लिखी गई। Bhagalpur News: प्रखंड के सभी सरकारी विद्यालयों में अभिभावक-शिक्षक संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य बच्चों के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करना था।
Bhagalpur News: अभिभावक-शिक्षक संगोष्ठी से बच्चों के भविष्य को नई उड़ान, जानें क्या हुए बड़े फैसले
Bhagalpur News: शिक्षा में अभिभावकों की भूमिका
शिक्षण संस्थानों में सिर्फ पाठ्यक्रम पूरा करना ही शिक्षा नहीं, बल्कि हर बच्चे की छिपी प्रतिभा को तराशना और उसे समाज का एक जिम्मेदार नागरिक बनाना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। इसी सोच के साथ बुधवार को प्रखंड के तमाम सरकारी विद्यालयों में अभिभावक-शिक्षक संगोष्ठी का सफल आयोजन किया गया। इसका लक्ष्य था बच्चों के शिक्षा और उज्जवल भविष्य की दिशा में अभिभावकों को सक्रिय भागीदार बनाना।
इस महत्वपूर्ण संगोष्ठी में शिक्षकों ने अभिभावकों को बच्चों की शैक्षणिक प्रगति, स्कूल में उनकी उपस्थिति, व्यवहारिक गतिविधियों और सीखने की शैली के बारे में विस्तार से जानकारी दी। अभिभावकों ने भी अपने बच्चों से संबंधित चुनौतियों और अपेक्षाओं को साझा किया। आपसी संवाद से यह स्पष्ट हुआ कि बच्चों के समग्र विकास के लिए घर और विद्यालय दोनों का एक मजबूत समन्वय अत्यंत आवश्यक है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
संगोष्ठी के दौरान, शिक्षकों ने अभिभावकों को बच्चों को घर पर पढ़ाई का माहौल देने, नियमित रूप से उनकी गृहकार्य जांचने और स्कूल के कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रेरित किया। विशेष रूप से उन छात्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया जो किसी विषय में कमजोर पड़ रहे हैं, और उनके लिए अतिरिक्त सहायता की रणनीति पर चर्चा हुई। इस पहल से बच्चों के बाल विकास में एक नई ऊर्जा का संचार होने की उम्मीद है।
संगोष्ठी के मुख्य बिंदु और आगामी योजनाएं
प्रत्येक विद्यालय में आयोजित इस संगोष्ठी में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। इनमें बच्चों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करना, पढ़ाई के साथ-साथ सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों में भी उनकी भागीदारी बढ़ाना, और शिक्षकों व अभिभावकों के बीच निरंतर संवाद बनाए रखने के लिए मासिक बैठकें आयोजित करना शामिल था। विद्यालय प्रबंधन समिति (SMC) के सदस्यों ने भी इस पहल की सराहना की और इसे शिक्षा के क्षेत्र में एक सकारात्मक कदम बताया।
बच्चों के सर्वांगीण विकास पर जोर
इस संगोष्ठी का केंद्रीय विचार बच्चों का सर्वांगीण विकास था। इसमें न केवल अकादमिक उत्कृष्टता बल्कि नैतिक मूल्यों, सामाजिक कौशल और शारीरिक स्वास्थ्य को भी समान महत्व दिया गया। अभिभावकों को बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशील रहने और उन्हें डिजिटल उपकरणों के अत्यधिक उपयोग से बचाने के लिए भी जागरूक किया गया। यह एक ऐसा प्रयास है जो शिक्षा की गुणवत्ता को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें https://deshajtimes.com/news/national/
यह संवाद बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा, जहां अभिभावक और शिक्षक एक साझा लक्ष्य के लिए मिलकर काम करेंगे। यह सुनिश्चित करेगा कि हर बच्चा अपनी पूरी क्षमता को पहचान सके और समाज में एक सार्थक योगदान दे सके। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। यह पहल निश्चित रूप से राज्य में शिक्षा के स्तर को सुधारने में मदद करेगी।

