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दिसम्बर, 25, 2025

ED Raid: गुजरात में भ्रष्टाचार पर सबसे बड़ा प्रहार! उप मामलतदार के घर से मिले 67.50 लाख नकद, ED ने दबोचा

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ED Raid: धरती के सौदों में ‘खेल’, सरकारी दफ्तर में रिश्वत का मायाजाल ऐसा बुना गया कि अब प्रवर्तन निदेशालय ने ही धागे खींच दिए हैं। गुजरात के सुरेंद्रनगर में एक उप मामलतदार के घर से मिले लाखों रुपए ने भ्रष्टाचार के स्याह चेहरे को फिर बेनकाब कर दिया है।

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ED Raid: गुजरात में भ्रष्टाचार पर सबसे बड़ा प्रहार! उप मामलतदार के घर से मिले 67.50 लाख नकद, ED ने दबोचा

ED Raid: सुरेंद्रनगर में ED का छापा, कैश का पहाड़ और अधिकारी गिरफ्तार

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुजरात के सुरेंद्रनगर जिलाधिकारी कार्यालय में तैनात एक उप मामलतदार (राजस्व अधिकारी) को बड़ी कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार कर लिया है। उनके घर पर छापेमारी के दौरान 67.50 लाख रुपये नकद बरामद किए गए, जिसने प्रदेश में हड़कंप मचा दिया है। अधिकारियों ने बुधवार को इस सनसनीखेज घटना की जानकारी दी।

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प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने बताया कि यह मामला रिश्वतखोरी से जुड़े धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) का है। मंगलवार को चंद्रसिंह मोरी के सुरेंद्रनगर स्थित आवास पर अचानक छापा मारा गया, जहाँ भारी मात्रा में नकदी देखकर अधिकारी भी दंग रह गए।

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मोरी को बुधवार को अहमदाबाद की विशेष पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम) अदालत में पेश किया गया। अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए उन्हें एक जनवरी तक ईडी की हिरासत में भेज दिया है, ताकि आगे की पूछताछ और जांच पूरी की जा सके। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।

ईडी के अनुसार, आरोपी चंद्रसिंह मोरी ने अपनी गिरफ्तारी के बाद स्वीकार किया कि बरामद की गई नकदी दरअसल रिश्वत की रकम है। उन्होंने यह पैसा सीधे तौर पर और कई बिचौलियों के माध्यम से उन लोगों से लिया था, जो अपनी जमीन से जुड़े सरकारी आवेदन जल्द से जल्द अपने पक्ष में मंजूर करवाना चाहते थे। यह पूरा नेटवर्क रिश्वतखोरी और धांधली पर आधारित था। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

राजस्व अधिकारी ने कबूला, ‘जमीन के काम के लिए ली थी रिश्वत’

मोरी का कबूलनामा इस बात की पुष्टि करता है कि सरकारी तंत्र में किस तरह से कुछ अधिकारी अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं। ईडी अब इस मामले की तह तक जाने की कोशिश कर रही है कि क्या इस रिश्वतखोरी के रैकेट में अन्य लोग भी शामिल हैं और यह कब से चल रहा था।

इस गिरफ्तारी से उन सभी सरकारी कर्मचारियों को एक कड़ा संदेश गया है, जो भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। यह मामला दिखाता है कि कानून के हाथ कितने लंबे होते हैं, और देर से ही सही, लेकिन भ्रष्टाचार करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।

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