Bhimashankar Jyotirlinga: सनातन परंपरा में ज्योतिर्लिंगों का दर्शन अत्यंत पुण्यदायी माना गया है। महाराष्ट्र के पुणे में स्थित श्री भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग, जो भगवान शिव के 12 प्रमुख ज्योतिर्लिंगों में से एक है, अपने भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण सूचना लेकर आया है।
Bhimashankar Jyotirlinga दर्शन पर बड़ा अपडेट: जानिए 2026 से मंदिर बंद होने की सूचना
Bhimashankar Jyotirlinga मंदिर प्रबंधन का महत्वपूर्ण निर्णय
महाराष्ट्र के पुणे में स्थित श्री Bhimashankar Jyotirlinga, जो भगवान शिव के 12 प्रमुख ज्योतिर्लिंगों में से एक है, अपने भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण सूचना लेकर आया है। यह जानकारी उन सभी श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत आवश्यक है, जो नए साल 2026 से पहले इस पवित्र धाम के दर्शन की योजना बना रहे हैं। मंदिर प्रशासन ने एक बड़ा निर्णय लिया है, जिसके अनुसार 1 जनवरी 2026 से मंदिर अस्थायी रूप से बंद रहेगा। देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में शामिल इस पवित्र स्थल की विशेष ज्योतिर्लिंग महिमा है, जिसे जानने के लिए भक्त दूर-दूर से आते हैं। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
यह सूचना उन सभी शिव भक्तों के लिए है जो आगामी वर्षों में इस पवित्र धाम की यात्रा करने का विचार कर रहे हैं। मंदिर प्रशासन ने यह कदम श्रद्धालुओं की सुरक्षा और मंदिर परिसर में आवश्यक जीर्णोद्धार कार्यों के लिए उठाया है। हालांकि मंदिर के पुन: खुलने की अनुमानित तिथि अभी तक घोषित नहीं की गई है, भक्तों को सलाह दी जाती है कि वे यात्रा की योजना बनाने से पहले मंदिर की आधिकारिक वेबसाइट और घोषणाओं पर नियमित रूप से नज़र रखें। इस अवधि में भक्तों को भगवान शिव का स्मरण घर बैठे करने और उनके विभिन्न रूपों का ध्यान करने की प्रेरणा दी जाती है। “आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।” ऐसी पावन स्थलों की यात्रा से पहले पूरी जानकारी प्राप्त करना हमेशा उत्तम होता है।
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दर्शन से वंचित भक्तों के लिए आध्यात्मिक मार्गदर्शन
जो भक्त इस अवधि में दर्शन से वंचित रहेंगे, उन्हें निराश होने की आवश्यकता नहीं है। भगवान शिव सर्वव्यापी हैं और उनका स्मरण कहीं भी किया जा सकता है। घर पर शिव चालीसा का पाठ, महामृत्युंजय मंत्र का जाप, या शिव के विभिन्न नामों का उच्चारण भी उतना ही फलदायी होता है। जब भी मंदिर पुनः खुलेगा, यह और भी भव्य स्वरूप में भक्तों का स्वागत करेगा। तब तक आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। यह धैर्य और विश्वास बनाए रखने का समय है, क्योंकि देवभूमि में हर कार्य शुभ मुहूर्त पर ही संपन्न होता है।


