Bihar EV Policy: बिजली की रफ्तार से बदलेगी बिहार की तस्वीर, अब पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ आपकी जेब पर भी बोझ कम होगा।
बिहार में इलेक्ट्रिक वाहनों का नया दौर शुरू होने वाला है। सरकार जल्द ही अपनी नई बिहार EV पॉलिसी को लागू करने जा रही है, जिससे राज्य की सड़कों पर इलेक्ट्रिक गाड़ियों की रफ्तार कई गुना बढ़ जाएगी। इस नीति का मुख्य उद्देश्य न केवल प्रदूषण कम करना है, बल्कि आम जनता को पर्यावरण-हितैषी परिवहन अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना भी है।
बिहार EV पॉलिसी के तहत डेढ़ गुना सब्सिडी
नई नीति के तहत इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर मिलने वाली सब्सिडी को डेढ़ गुना तक बढ़ाने का प्रस्ताव है, आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। यह एक बड़ा कदम है जो इलेक्ट्रिक वाहनों को और अधिक किफायती बनाएगा। वर्तमान में, इलेक्ट्रिक वाहनों की ऊंची कीमत कई लोगों को इन्हें खरीदने से रोकती है, लेकिन बढ़ी हुई सब्सिडी से यह समस्या काफी हद तक हल हो जाएगी। सरकार का मानना है कि इससे इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में जबरदस्त उछाल आएगा और राज्य में एक नई हरित क्रांति की शुरुआत होगी।
सिर्फ सब्सिडी ही नहीं, बल्कि सरकार का पूरा ध्यान ईवी चार्जिंग स्टेशन के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर भी है। नई नीति के तहत, हर जिले, हर मोहल्ले और यहां तक कि प्रमुख बाजारों तक ईवी चार्जिंग स्टेशन पहुंचाए जाएंगे। यह कदम उन लोगों के लिए बेहद राहत भरा होगा जो चार्जिंग सुविधाओं की कमी के चलते इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने से हिचकिचाते हैं। बेहतर ईवी चार्जिंग स्टेशन नेटवर्क इलेक्ट्रिक वाहनों की स्वीकार्यता को बढ़ाएगा।
सरकार इस नीति के जरिए बिहार को देश के अग्रणी राज्यों में शुमार करना चाहती है, जहाँ पर्यावरण के अनुकूल परिवहन को प्राथमिकता दी जाती है। इस पहल से न सिर्फ ईंधन पर होने वाले खर्च में कमी आएगी, बल्कि वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने में भी मदद मिलेगी। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें: https://deshajtimes.com/news/national/। बिहार के शहरों में बढ़ती वाहनों की संख्या और उनसे होने वाला प्रदूषण एक बड़ी चुनौती रहा है, ऐसे में यह नीति इस चुनौती से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
चार्जिंग नेटवर्क का विस्तार और रोजगार के अवसर
नई नीति केवल सब्सिडी और चार्जिंग स्टेशनों तक ही सीमित नहीं है, आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। इसमें इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग से संबंधित नए व्यवसायों और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने के प्रावधान भी शामिल हैं। चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना, मरम्मत और रखरखाव के लिए नए कौशल वाले लोगों की आवश्यकता होगी, जिससे राज्य में रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे। इसके अलावा, इलेक्ट्रिक वाहन बनाने वाली कंपनियों को भी बिहार में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। यह एक समग्र दृष्टिकोण है जो बिहार को इलेक्ट्रिक वाहन क्रांति का एक महत्वपूर्ण केंद्र बना सकता है।
सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले कुछ वर्षों में बिहार में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हो। इसके लिए जागरूकता अभियान भी चलाए जाएंगे ताकि आम जनता को इलेक्ट्रिक वाहनों के फायदे और नई नीति के बारे में पूरी जानकारी मिल सके। यह नीति बिहार के परिवहन क्षेत्र के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी, जिससे राज्य में सतत विकास की राह मजबूत होगी। यह दिखाता है कि सरकार भविष्य के परिवहन साधनों के प्रति कितनी गंभीर है, आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।



